पीएस लेबर रूम पहुंचीं तो पाया कि अटेंडेंट जमीन पर पड़े हुए हैं। इससे अन्य लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही। सीएस सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस इकाई में कुर्सियां लगवाओ। लेबर रूम में डॉ रेखा त्रिपाठी से पूछा कि कितनी टेबल हैं। वेटिंग में गर्भवती कहां रहती हैं। कितना स्टाफ ट्रेंड है। अप्रशिक्षित स्टाफ को इकाई से हटाने के निर्देश दिए। गायनी वार्ड में भर्ती प्रसूताओं से पूछा कि सुबह नाश्ता कितनी समय मिलता है। दूध मिलता है या नहीं। कितने लड्डू मिलते हैं। इकाई का निरीक्षण करने के बाद पीएस रसोई पहुंचीं। डायटीशियन गंगाशरण तिवारी से पूछा कि रोटी मेकर कब और कहां से खरीदा गया है? एक बार में कितना आटा लगाते हो। जवाब सुनते ही कहा कि लगाकर दिखाओ। पूछा-प्रसूताओं को बांटे जाने वाले लड्डू कहां रखे हैं। एक प्लेट में लड्डू बुलवाए और खाकर भी देखा। लॉड्री में कर्मचारियों से पूछा कि वार्ड से आने वाले चादर कैसे धुलते हो। रोटेशन या एक साथ। रोटेशन का जवाब सुनते ही कहा कि दिखाओ अभी की आई चादर। रसोई और लॉड्री में सीएस को कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
पीएस ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जीएनएम की कक्षाएं नए भवन में शुरू करने के निर्देश दिए। निर्देशित किया कि भवन का शीघ्र शुभारंभ कराया जाए। बैठक में सामने आया कि सिविल अस्पताल मैहर से सर्जरी के सभी मामले जिला अस्पताल रेफर किए जा रहे हैं। पीएस ने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि चिकित्सक सहित अन्य सुविधाएं होने के बाद भी पीडि़तों को लाभ क्यों नहीं मिल रहा है? पत्रिका ने सवाल उठाया कि जिला अस्पताल सहित जिलेभर में चिकित्सकों की कमी है। १९ पीएचसी में चिकित्सक नहीं हैं। पीएस ने कहा कि अभी चार चिकित्सकों की पदस्थापना की जाएगी। जल्द ही अन्य रिक्त पदों पर भी नियुक्ति होगी।
जिला अस्पताल की चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लेने के बाद पीएस नई बस्ती स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं। वहां ड्यूटी पर तैनात नर्स से पूछा कि कौन-कौन सी दवाइयां उपलब्ध हैं। रोजाना की ओपीडी कितनी है। चिकित्सक से पूछा कि आप रिटायरमेंट के बाद सेवाएं दे रहे हैं? कब ज्वॉइन किया है? दो दिन का जवाब सुनते ही नर्स को तलब किया। पूछा-दो दिन पहले तक मरीजों को दवाइयां किस आधार पर बांट रही थी। चिकित्सक के परामर्श के बिना दवाइयां मत देना।
नवनिर्मित जीएनएम भवन का जायजा लेने के बाद ई एमएस खरे को तलब किया। कहा कि इतनी बड़ी बिल्डिंग में लिफ्ट क्यों नहीं है? आकस्मिक स्थिति में स्टूडेंट्स को दिक्कत आ सकती है। इसमें लिफ्ट लगवाने का प्रबंध करो। उपयंत्री से पूछा कि पूरे परिसर में कांक्रीट क्यों करवा दिया है? पौधरोपण के लिए जगह क्यों नहीं छोड़ी है? कलेक्टर सतेंद्र सिंह ने ई और जेई को पौधरोपण के लिए जगह बनाने के निर्देश दिए। उनके साथ जेडी डॉ एसके सालम, सीएमएचओ डॉ विजय आरख, सीएस डॉ एसबी सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट संस्कृति शर्मा, डीपीएम नृपेश सिंह, अभय पाण्डेय मौजूद रहे।
पीएस के अस्पताल पहुंचने के पहले ही ओपीडी का सर्वर फेल हो गया था। पीडि़तों को हाथ से लिखकर मैन्युअल पर्चा दिया जा रहा था। इससे काउंटर पर लम्बी कतार लगी थी।