जिला अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा, परिजनों ने लगाया सफाई कर्मचारी से इंजेक्शन लगवाने के आरोप
– सहारनपुर अस्पताल की घटना
– सफाईकर्मी से इंजेक्शन लगवाए जाने का आराेप
– परिवार वालाें ने कहा लापरवाही से हुई माैत
जिला अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा, परिजनों ने लगाया सफाई कर्मचारी से इंजेक्शन लगवाने के आरोप सहारनपुर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में सोमवार दिन निकलते ही हंगामा हो गया। यहां कोतवाली नगर क्षेत्र से 35 वर्षीय युवक को सीने में दर्द होने के बाद भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टरों ने उसे ठीक तरह से ट्रीट नहीं किया और सफाई कर्मचारी से इंजेक्शन लगवा दिया। इंजेक्शन लगने के बाद उनके मरीज की हालत बिगड़ने लगी और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। उसके बाद गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा किया। बाद में पहुंचे प्रमुख अधीक्षक ने किसी तरह परिजनों को पूरे मामले की जांच कराने के आश्वासन पर शांत किया। प्रमुख अधीक्षक का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है और जो भी आरोप परिजनों ने लगाए हैं अगर वह सही पाए गए ताे कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना सोमवार सुबह करीब 5:30 बजे की है। 5 बजकर 14 मिनट पर कोतवाली सिटी क्षेत्र की किशनपुरा कालाेनी के रहने वाले धीर सिंह पुत्र गिरवर सिंह काे परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इसके सीने में दर्द हो रहा था। परिजनों के अनुसार इमरजेंसी में डॉक्टर नहीं थे और स्टाफ ने उन्हें भर्ती कर लिया। एक इंजेक्शन तत्काल रूप से दिया गया जिसके बाद उनकी हालत में कुछ मामूली सुधार दिखाई दिया बाद में एक इंजेक्शन सफाई कर्मचारी ने लगाया इसके बाद हालत बिगड़ने लगी। परिजनों का आरोप है कि ईसीजी तक नहीं कराई गई लेकिन जब हंगामा किया गया तो चिकित्सकों ने बीएसटी में ईसीजी रिपोर्ट भी दिखाई लेकिन इस ईसीजी रिपोर्ट में नाम किसी अन्य व्यक्ति का था। इस पर प्रमुख अधीक्षक का कहना है कि जल्दी में नाम गलत हो भी सकता है लेकिन सभी आराेपाें के आधार पर जांच कराई जा रही है। स्टाफ का कहना है कि सुबह धीर सिंह की ही ईसीजी कराई गई थई। अटैक आने के कारण भर्ती हुए मरीज की हालत गंभीर थी जिस कारण उसकी मौत हो गई लेकिन परिजन इस बात को बिल्कुल भी मानने को तैयार नहीं है। परिजनों का कहना है कि उनके मरीज की ईसीजी नहीं हुई है और जो इसीजी बीएसटी में दिखाई जा रही है वह फर्जी है। मौत होने के बाद अब डॉक्टरों ने फर्जी तैयार की है। इन सभी पहलुओं पर जांच बैठा दी गई है। प्रमुख अधीक्षक ने शव का पाेस्टमार्टम कराने के निर्देश दिए। उनके मुताबिक, माैत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा। जिला अस्पताल में पहले भी सामने आ चुके हैं लापरवाही के मामले जिला अस्पताल में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। यहां सफाई कर्मचारियों द्वारा पट्टी करने और इंजेक्शन लगाए जाने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। ऐसे मामले यहां पहले भी सामने आ कर रहे हैं। जब-जब जिला अस्पताल के इमरजेंसी में सुविधाओं और व्यवस्थाओं को लेकर विरोध किया जाता है, हंगामा होता है तो यहां के प्रमुख चिकित्सकों का यही बयान होता है कि डॉक्टरों की बेहद कमी है और कमी होने के कारण कई तरह की समस्या रहती हैं।
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