हर केंद्र पर अनियमितता
सरकारी खरीदी में अलग-अलग जिम्मेदारियां निभा रहे प्रशासनिक अधिकारी भले ही नियमानुसार उपार्जन होने की बात कर रहे हों, लेकिन हकीकत में जिले का शायद ही कोई एेसा खरीदी केंद्र होगा जहां पर शासन के निर्देशों के अनुसार व्यवस्थाएं पूर्ण होंगी। किसानों से की जाने वाली खरीदी में भी अधिकांश केंद्रों पर २००-५०० ग्राम का खेल चल रहा है। इतना ही नहीं किसानों से तुलाई के लिए रुपए लेने से लेकर पानी, छावं आदि जैसी जरूरी व्यवस्थाएं भी कई खरीदी केंद्रों पर आज तक नहीं हो सकीं हैंं।
इन विभागों की है जिम्मेदारी
समर्थन मूल्य खरीदी में शासन की ओर से एक-दो नहीं बल्कि आठ विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसके बाद भी व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हैं। इन विभागों में कृषि विभाग, विपणन संघ, सहकारी बैंक, खाद्य आपूर्ति विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम, वेयर हाउस एंड लॉजिस्टंग कार्पोरेशन, राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ और प्रशासन की ओर से राजस्व विभाग को शामिल किया गया है। इसमें खरीदी, परिवहन, भंडारण, जांच आदि जैसे कार्यों के लिए अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
विधिवत जांच की जाएगी
चुनाव की व्यस्तताओं के कारण निरीक्षण करने नहीं पहुंच सका। एक दो दिन में शिकायतों पर विधिवत जांच की जाएगी।
राजेंद्र कुमार वाइकर, जिला आपूर्ति नियंत्रक