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सागर

करोड़ों की लागत से बने गढ़पहरा मार्ग की उधड़ी परतें, घाट से लेकर सपाट रास्ते पर भी बड़े-बड़े गड्ढे

स्थानीय लोगों का कहना करीब दो-ढाई साल पहले ही बनकर तैयार हुई थी सड़क, विधायक बोले चार साल में तीन बार हुआ निर्माण, हर बार गुणवत्ता में कमी
 

सागरAug 24, 2019 / 09:26 pm

मदन गोपाल तिवारी

करोड़ों की लागत से बने गढ़पहरा मार्ग की उधड़ी परतें, घाट से लेकर सपाट रास्ते पर भी बड़े-बड़े गड्ढे

करोड़ों की लागत से बने गढ़पहरा मार्ग की उधड़ी परतें, घाट से लेकर सपाट रास्ते पर भी बड़े-बड़े गड्ढे

सागर. शहर से गढ़पहरा होते हुए फोरलेन को जोडऩे वाले मार्ग की हालात जर्जर हो चुकी है। भैंसा पहाड़ी से लेकर सपाट रास्ते पर भी बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं और वाहन चालक इन गड्ढों से बचते-बचाते निकल रहे हैं। पीडब्ल्युडी (लोक निर्माण विभाग) के सुपरविजन में करोड़ों रुपए की लागत से तैयार किए गए करीब 9 किलो मीटर लंबा यह मार्ग सागर-झांसी नेशनल हाइवे 26 से जुड़ता है। दूसरी ओर भैंसा वायपास से जुड़ा होने के कारण इस मार्ग पर दिन-रात भारी वाहनों की आवाजाही बनी रहती है, लेकिन उबड़-खाबड़ और गड्ढों के कारण हादसों का खतरा बढ़ गया है। वाहनों की आवाजाही से उड़ रहे धूल के गुबार स्थानीय लोगों को भी परेशानी का कारण बन गए हैं।
पीडब्ल्यूडी के अनुसार इस मार्ग का गारंटी पीरियड जून 2019 में समाप्त हो गया है, जो अपने-आप में एक सवाल खड़ा करा रहा है कि क्या ठेकेदार ने सड़क निर्माण में इसी हिसाब से निर्माण किया था कि वह जैसे-तैसे तीन साल चल जाए।

चार साल में तीन बार बनी सड़क

नरयावली विधानसभा क्षेत्र में आने वाली इस सड़क का मामला विधानसभा तक पहुंच चुका है। विधायक प्रदीप लारिया ने बताया कि 2012 के आसपास लगभग 6 करोड़ रुपए की राशि इस 9 किलो मीटर की सड़क को बनाने के लिए स्वीकृत हुई थी, लेकिन 2016 तक करीब तीन बार सड़क का निर्माण हुआ, लेकिन हर बार ही गुणवत्ता सवालों के घेरे में रही। लारिया ने बताया कि पहली बार बना मार्ग चार-पांच माह में तो दूसरी बार हुआ निर्माण भी एक साल के अंदर ही उखड़ गया था। इसके बाद इस मामले को विधानसभा के समक्ष रखा था।

भैंसा वायपास बनते ही धसा

पीडब्ल्यूडी के सुपरविजन में तैयार हुए अकेले इस मार्ग को लेकर गुणवत्ता पर सवालिया निशान नहीं लग रहे हैं। इसी मार्ग से लगे भैंसा वायपास की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। वायपास का काम तो फिलहाल अधूरा है, लेकिन ठेकेदार ने बारिश के ठीक पहले जो मई में सड़क के जिस हिस्से में डामरीकरण किया था वह दो माह भी सर्विस नहीं दे सका और धस गया।

ठेकेदार से ही मेंटेनेंस कराया जाएगा
यह बात सही है कि भैंसा मार्ग जगह-जगह उखड़ गया है, लेकिन बारिश निकलने के बाद निर्माण करने वाले ठेकेदार से ही सड़क का मेंटेनेंस कराया जाएगा, उसके बाद ही अमानत राशि रिलीज की होगी। भैंसा वायपास का जो हिस्सा बना था उसे निरस्त कर दिया गया है, उसका काम भी दोबारा करााय जाएगा।
एचएस जायसवाल, ईई पीडब्ल्युडी

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