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सागर

नि:शुल्क बनने वाले एटीएम के वसूल रहे 204 रुपए

आरबीआई के निर्देश बैंक उड़ा रहे हवा में

सागरSep 25, 2018 / 10:59 am

sunil lakhera

204 rupees for recovering ATMs

204 rupees for recovering ATMs

सागर. ग्राहकों को भगवान मानने वाली बैंकें इन दिनों अपने भगवानों को ही चूना लगाने में जुटी हैं। फिर चाहे ग्राहकों की सेवा की बात हो या आरबीआई के निर्देश की, बैंक अधिकारी इन्हें अंगूठा दिखा रहे हैं। पहले ही ग्राहकों से हर छोटी-बड़ी सेवा का शुल्क वसूला जा रहा था, लेकिन अब उस सुविधा के लिए भी वसूली की जा रही है, जिसके लिए स्वयं आरबीआई ने नि:शुल्क देने के लिए निर्देशित किया है। जी हां, यह हाल है शहर की बैंकों का। जहां पर नि:शुल्क दिए जाने वाले चिप वाले एटीएम के लिए एसबीआई अपने ग्राहकों से 204 रुपए का शुल्क वसूल रहा है और जागरूक उपभोक्ता जब शिकायत लेकर बैंक प्रबंधन के पास पहुंचता है तो उसकी सुनने के लिए भी तैयार नहीं हैं।
यह है मामला- शहर के पंडापुरा निवासी श्रवण चौरसिया ने बताया कि उनका व पत्नी पदमा चौरसिया का खाता एसबीआई गोपालगंज शाखा में है। अखबार से जानकारी मिली थी कि आरबीआई ने निर्देश दिए हैं कि जिसके पास चिप वाले एटीएम नहीं हैं वे शाखा में जाकर नि:शुल्क चिप वाला एटीएम ले सकते हैं। उन्होंने और पत्नी ने आवेदन दिया और कार्ड भी बनवाए। जब पासबुक पर एंट्री करवाई तो पता चला कि एटीएम के नाम पर खातों से 204 के मान से 408 रुपए कटौती की है। इसकी शिकायत बैंक अधिकारी से की, लेकिन वे सुनने के लिए तैयार नहीं हंै। इतना ही नहीं बैंकिंग लोकपाल से भी शिकायत करनी चाही लेकिन नियम में यह है कि जब बैंक एक माह तक शिकायत का निराकरण न करे तब लोकपाल में शिकायत कर सकते हैं। इसके बाद से वे २० दिन से बैंक के चक्कर काट रहे पर कोई सुनने वाला नहीं है।
एटीएम से निकल रहे कटे-फटे नोट- नोटबंदी के बाद से या तो एटीएम में राशि का अभाव होता है या फिर वे कटे-फटे नोट उगल रहे हैं। जबकि एटीएम मशीनों में पुराने नोट लोड करने पर प्रतिबंध है। परेशान आम उपभोक्ता हो रहा है, क्योंकि कटे-फटे नोट निकलने के बाद बैंक उन्हें स्वीकार नहीं कर रही हैं। कुछ समय पहले लोडिंग कंपनियों के द्वारा कटे-फटे नोट लोड करने का फर्जीवाड़ा भी सामने आया था, इसके बाद न तो बैंक प्रबंधन ने एक्शन लिया और न ही लोडिंग कंपनियों ने स्थिति में सुधार किया और यह सिलसिला आज भी जारी है।
हर सुविधा की वसूली- हर सुविधा का शुल्क तो खाते की सुरक्षा क्यों नहीं, डेविट/क्रेडिट कार्ड पर १२५ से ३०० रुपए तक शुल्क, जीएसटी अलग से कर रहे वसूल। दूसरे बैंकों के एटीएम से ट्रांजेक्शन ३ बार से ज्यादा होने पर 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन प्लस जीएसटी। फंड ट्रांसफर वॉलेट-टू-वॉलेट पर 2 प्रतिशत प्लस जीएसटी। वॉलेट से खाते में फंड ट्रांसफर 2.5 प्रतिशत प्लस जीएसटी। मोबाइल बैंकिंग 2 रुपए से 12 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन प्लस जीएसटी। बिल पेमेंट पर ट्रांजेक्शन अमाउंट का एक प्रतिशत प्लस जीएसटी। अपने बैंक से एटीएम ट्रांजेक्शन पांच बार से अधिक बार होने पर 10 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन प्लस जीएसटी। फोन बैंकिंग चार्ज में अकाउंट स्टेटमेंट के 44 रुपए प्लस जीएसटी। होम लोन का इंटरेस्ट सर्टिफिकेट ४४ रुपए प्लस जीएसटी। इसके अलावा, स्टेटमेंट, एसएमएस, इमेल, चेक बुक, एनइएफटी/आरटीजीएस से लेकर हर छोटी-बड़ी सुविधा के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं बैंक।
बैंक सेवा शुल्क वसूली में तो तत्पर हैं, लेकिन जब सुविधाओं की बात आती है तो ग्राहक स्वयं को ठगा सा महसूस करता है। हालात यह हैं कि हर बात का शुल्क लेने वाली बैंकें न तो खाते की सुरक्षा कर पा रही हैं और न ही सुविधा दे रही हैं।

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