जन घोषणा पत्र के लिए अधिकांश लोगों ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी आदि के लिए सरकार करोड़ों रुपए फूंक रही है। इनका लाभ लोगों को फिर भी पर्याप्त नहीं मिल पाता। स्कूलें तो खोल दी गई हैं लेकिन वहां पठन-पाठन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर में मेडिकल कॉलेज की अस्पताल के साथ ही जिला अस्पताल भी है, इसके बावजूद लोगों को नागपुर, बनारस, जबलपुर, भोपाल जैसे शहरों के लिए रेफर किया जाता है। बिजली २४ घंटे देने की बात हो रही है पर ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर जले हुए हैं। सरकार की योजनाओं का सुपरवीजन करने के लिए ऐसे प्रयास किए जाएं कि उसका लाभ जनता तक सीधे पहुंचे।
– नागेन्द्र सिंह गहरवार, अधिवक्ता– हर शहर अपनी ऐतिहासिक पहचान बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं। रीवा में धीरे-धीरे इनका वजूद नष्ट हो रहा है। इस कारण हेरिटेज सिटी के रूप में यहां का विकास होना चाहिए। योजना से काम हो तो एक ही जगह बार-बार निर्माण कराने और उसे तोडऩे की जरूरत नहीं हो।
– डॉ. सविता मिश्रा- सड़कों को लेकर शहर में कोई योजना नहीं है। जब मन हुआ इसे खोदकर छोड़ दिया जाता है। इस कारण सड़कों को व्यवस्थित किया जाए, साथ ही सरकारी स्कूलों की शिक्षा के साथ स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं पर जोर देने की जरूरत है। बाजार और दुकानों का दायरा बढऩा संपूर्ण विकास नहीं है।
– बीके माला, सामाजिक कार्यकर्ता- जिन मुद्दों को लेकर सरकारें बनती हैं, वह सत्ता पाते ही भटकने लगती हैं। इस कारण यह तय होना चाहिए कि जनता से पूछकर कार्य हों। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है, बुनियादी सुविधाएं लोगों तक पहुंचे यह भी सुनिश्चि करें।
– केदार यादव, अध्यक्ष यादव महासभा- मैं ग्रामीण क्षेत्र में निवास करता हूं, वहां बिजली की समस्या बनी रहती है। ट्रांसफार्मर खराब हो रहे हैं। सड़कें उखड़ रही हैं। शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यवस्थित विकास की जरूरत है।
– विकास पाण्डेय, सामजिक कार्यकर्ता- रीवा शहर का ट्रैफिक बिगड़ता जा रहा है। चौराहों में सिग्नल जरूरत के हिसाब से लगाए जाएं, सड़क पर जाम नहीं लगे इसके लिए बड़े शहरों की तरह प्लान तैयार हो। शहर की सड़कें और नालियों को भी व्यवस्थित करने की जरूरत है।
– रामबहोर यादव, किसान- व्यवसायिक खेती और गांवों में स्वरोजगार के इंतजाम हों। सरकारी स्कूलों में मध्यान भोजन बंद होना चाहिए, इससे भ्रष्टाचार बढ़ता है और पढ़ाई बाधित होती है। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है।
– बब्लू विश्वकर्मा, व्यवसाई- शहर में रहने वालों को सड़क, पानी, सफाई और व्यवस्थित कॉलोनियों की जरूरत होती है। सीवरेज और स्टार्म वाटर प्रोजेक्ट का बेहतर क्रियान्वयन करने की जरूरत है।