दरअसल मेडल लेने के लिए आए स्टूडेंट्स के तरफ से पूरे कार्यक्रम की दौरान आवाज़ आती रही। सभागार में हल्ला होता रहा। वक्ताओं को अपनी बात कहने में दिक्कत होती रही। यहीं वजह है कि राज्यपाल नाराज हुईं और वहां बैठे डिग्री धारी स्टूडेंट्स को नसीहत दे डाली। राज्यपाल ने कहा ,
”आप डिग्री धारी बाते करते रहे। कार्यक्रम में पूरे समय आपकी ओर से आवाज आती रही। आपको मै तो कहूंगी क्योंकि मै टीचर रही हूॅ, आपके उम्र के बच्चों के लिए ये ठीक नहीं है। आप सबको पता है कि ये समारोह क्यों हो रहा है? आपकी सराहना करने के लिए इतने लोग समय लेकर आपके समक्ष आए हैं। फिर भी ध्यान नहीं है। यह मुझे ठीक नहीं लगा। कोई भी समारोह हो यदि रुचि नहीं है तो छोड़कर जा सकते हैं। लेकिन आने के बाद बैठना, सुनना तो पड़ता ही है”
एपीएसयू के दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में ज्यादातर छात्राएं शामिल रहीं। इसे लेकर राज्यपाल ने खुशी जताई।
इस अवसर पर कार्यक्रम को आचार्य बालकृष्ण ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेकर आगे बढऩा चाहिए। संकल्प लेते समय मन में कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। दृढ़ निश्चय के साथ यदि हम आगे बढ़ते हैं तो सफलता निश्चित है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि यहां मेडल प्राप्त करने वालों में मातृ शक्ति की संख्या ज्यादा है।
कार्यक्रम में मौजूद सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जसबीर सिंह ने छात्र – छात्राओं को कई प्रेरणा दायक कहानियां बताई। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भगत सिंह, चंद्रशेखकर आजाद ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया। उसी प्रकार अवधेश प्रताप सिंह ने भी देश के लिए बलिदान दिया है। वह बलिदान के लिए जाने जाते हैं।