बताया जा रहा है कि सीबीएसइ की मान्यता शर्तों के अनुसार संचालित निजी विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुसार 25 फीसदी छात्रों के लिए स्कूल में वाहन होना अनिवार्य है। लेकिन इसके बावजूद शहर में 12 बड़े स्कूल है, जिनमें से आठ विद्यालयों में एक भी वाहन उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद इन पर कोई कार्र्रवाई नहीं हो रही है।
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिला स्तरीय समिति गठित की गई है। लेकिन इस समिति की बैठक पिछले छह महीनों से नहीं हुई। जिला स्तरीय समिति के सदस्यों को स्कूल में चल रहे वाहनों का निरीक्षण करना है। साथ ही उसमें उपलब्ध संसाधनों की जांच कर रिपोर्ट करनी है। इसका सचिव जिला शिक्षा अधिकारी को बनाया गया है।
हाइकोर्ट ग्वालियर ने परिवहन विभाग को अवैध रुप से चल रहे स्कूली वाहन वैन एवं ऑटो पर क ड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में परिवहन आयुक्त ने भी दिशा निर्देश जारी किया है। लेकिन इसके बावजूद भी स्थित यह है कि ऑटो चालक अपने बगल में स्कूली बच्चों को बैठाकर शहर की सड़कों में चल रहे हैं। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
यह सही है कि स्कूली बच्चों को ओवरलोड लेकर बड़ी संख्या में ऑटो शहर में चल रहे है। अब इनके विरुद्ध भी अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। स्क्ूली वाहन के रुप में पंजीकृत वाहनों पर बच्चों को स्कूल ले जाने की छूट दी जाएगी। बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालो पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मनीष त्रिपाठी आरटीओ रीवा