पौराणिक कथा के अनुसार, जब
भगवान राम (
Lord Ram ) 14 वर्ष की वनवास की अवधि पूरी कर जब
अयोध्या (
Ayodhya ) लौट रहे थे तब उन्हें अयोध्या नगर के बाहर कुछ नई बस्तियां देखी। जब उन्होंने उन लोगों के बारे में पता किया, तब उन्हें जानकारी चली कि यहां किन्नर समुदाय के लोग रहते हैं। इसके बाद भगवान राम ने पूछा कि आप लोग ऐसे यहां क्यों रह रहे हैं ?
इस पर किन्नरों ने कहा कि जब आप वनवास के लिए जा रहे थे तब आपके पीछे-पीछे अयोध्यावासी भी चल रहे थे। उस वक्त अपने पीछे अयोध्यावासियों को इस तरह देखा तो आपने सभी स्त्री और पुरुष को लौट जाने का निर्देष दिया और कहा कि मैं नियत समय पर वापस अयोध्या लौट आऊंगा। किन्नरों ने कहा कि आप उस वक्त हमारे लिए कोई निर्देश नहीं दिया। यही कारण आज तक हमलोग यहां बस्ती बनाकर इंतजार कर रहे हैं।
किन्नरों का जवाब सुनकर भगवान राम को बहुत अफसोस हुआ। इसके बाद भगवान राम ने सभी किन्नरों को वापस अयोध्या नगर में ले गए। किन्नरों का प्रेम और आस्था को देखते हुए उसी वक्त भगवान राम ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि आपका आशीर्वाद आने वाली नई पीढ़ी को फलीभूत करेगा।
यही कारण है कि शुभ अवसर किन्नर समुदाय को लोग बाधाइयां और आशीर्वाद देकर नेग मांगते है। मान्यता है कि उनका दिया गया आशीर्वाद कभी खाली नहीं जाता। यही कारण है कि शुभ अवसर पर घर पहुंचे किन्नर समुदाय के लोगों को नाराज नहीं करते।