जौहरी बाजार स्थित
जामा मस्जिद में मुफ्ती अमजद अली ने नमाज अदा कराई। नमाज से पहले बयान में कहा कि जिंदगी बहुत कीमती है जो अल्लाह ने हमें थोड़े दिन के लिए दी है। इंसान अपनी मर्जी से दुनिया में नहीं आया और ना ही अपनी मर्जी से वापस जाएगा। जब आना और जाना दोनों अल्लाह की मर्जी से है तो इंसान को चाहिए कि सारी जिंदगी जो इम्तहान के लिए दी है उसे अल्लाह की मर्जी के मुताबिक गुजारें। इंसान जो
चीज अपने लिए पसंद करता है। वही दूसरों के लिए पसंद करे। इसी को दीन कहते हैं।
हर इंसान को चाहिए कि वह भी किसी के साथ बुरा व्यवहार नहीं करे बल्कि सबके साथ अच्छा व्यवहार करे। माह-ए-रमजान रोजा, नमाज, सखावत और फरमाबरदारी में बीतना चाहिए। जो भी आमाल दुनिया में आप करते हो वह सब अल्लाह के यहां रजिस्टर में दर्ज हो जाता है। मरने के बाद हिसाब के दिन उसी रजिस्टर के हिसाब से फैसला होगा। नेकियां ज्यादा हुईं तो जन्नत मिलेगी और अगर गुनाह ज्यादा हुए तो जहन्नुम। इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हमें रमजान में नेक अमल करने चाहिए। इससे हमारे 11 महीने भी नेकी के साथ गुजरें। नमाज के बाद सभी मस्जिदों में शहर
जयपुर , राजस्थान व पूरे भारत देश में शान्ति व सद्भावना के लिए दुआएं की गईं।
हसनपुरा, भट्टा बस्ती, शास्त्री नगर, मालवीय नगर सहित परकोटा की मस्जिदों में नमाज अदा की गई। इसके साथ ही दरगाह मौलाना जियाउद्दीन साहब, दरगाह मीर कुर्बान अली, दरगाह मिस्कीन शाह साहब में भी जुमे की नमाज अदा की गई।