scriptगुरु पर ग्रहण का साया, पूर्णिमा पर ये है गुरु पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त | Lunar eclipse 2018 with guru purnima shubh muhurat | Patrika News
जबलपुर

गुरु पर ग्रहण का साया, पूर्णिमा पर ये है गुरु पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त

गुरु पर ग्रहण का साया, पूर्णिमा पर ये है गुरु पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त
 

जबलपुरJul 15, 2018 / 09:40 am

Lalit kostha

गुरु पर ग्रहण का साया, पूर्णिमा पर ये है गुरु पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त

गुरु पर ग्रहण का साया, पूर्णिमा पर ये है गुरु पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त

जबलपुर। गुरु पूर्णिमा या नहीं गुरु के पूजन बंधन का विशेष दिन इस दिन गुरु के प्रति शिष्य आभार व्यक्त करते हैं और कहते हैं की आपके मार्गदर्शन में हमारा जीवन धन्य हुआ ऐसी ही कृपा बनाए रखना। 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। किंतु इस बार की गुरु पूर्णिमा पर ग्रहण का साया भी है। ऐसे में गुरु का पूजन और वंदन लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है कि वे किस समय स्कूल का पूजन करें और किस समय नहीं। क्योंकि सूतक बहुत पहले लग जाएंगे। इसलिए गुरु का पूजन 1 दिन पूर्व 26 जुलाई को करना श्रेष्ठकर रहेगा ऐसा कहना है ज्योतिषाचार्य पंडित जनार्दन शुक्ला का। शुक्ला के अनुसार ग्रहण करीब 4 घंटे का होगा और इसका सूतक काल गुरु पूर्णिमा के दोपहर से ही शुरू हो जाएगा ऐसे में गुरु का पूजन करना उचित नहीं।


पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा लगभग एक सदी बात हो रहा है। जिसे ग्रहों की भाषा में कहा जाए तो यह कहीं ना कहीं अनिष्टकारी होगा। यह ग्रहण आषाढ़ मास की पूर्णिमा को होगा जो कि भूकंप चक्रवात आंधी तूफान भूस्खलन जैसे विपदाओं को आमंत्रित करने का कारक भी बनेगा।


सूतक काल से पहले करें गुरु पूजन
पंडित जनार्दन शुक्ला के अनुसार पूर्णिमा का पर्व वैसे तो 4 साल से ही शुरू हो जाएगा। लेकिन गुरु पूजन सूतक काल से पहले ही श्रेष्ठ रहेगा। मंदिरों में ग्रहण के पूर्व सूतक से पहले आरती हो जाएगी शाम की आरती दोपहर में ही कर ली जाएगी और पूजन बंधन कर पट बंद कर दिए जाएंगे। अब ऐसे में गुरु पूजन सूतक काल से पहले करना शुभ रहेगा और गुरु का आशीर्वाद भी फलीभूत होगा।

ग्रहण काल में ये न करें
ग्रहण काल में भोजन न करें।
गर्भवती स्त्रियां बाहर न निकलें।
सहवास न करें, झूठ न बोलें और ना ही सोए ।
मांस-मदिरा का सेवन ना करें।
प्याज-लहसुन भी ना खाएं।
झगड़ा-लड़ाई से बचें।
पूजा स्थल को स्पर्श ना करें।
इस दौरान शिव और गायत्री का जाप करना चाहिए

खत्म होने पर ये काम करें
ग्रहण खत्म होते ही स्नानादि कर नए वस्त्र पहनें।
अपने पितरों को याद करें, दान करें।
अगर आसपास कोई धार्मिक स्थल है तो वहां जाएं।
अगर आस-पास घाट हो तो वहां जाकर शिव जी की पूजा करनी चाहिए।

Home / Jabalpur / गुरु पर ग्रहण का साया, पूर्णिमा पर ये है गुरु पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो