हालत यह है कि यहां से प्रतिदिन करीब दस हजार वाहन यहां से गुजरते है। इनसे भारीभरकम टोल सड़क दुरूस्त करने के नाम पर वसूला जाता है। उसके बाद यह हालात है। हाईवे पर स्थित दो बड़े स्कूलों के सामने ही सड़क उखड़ गई है, वहीं पहले 10 मीटर के हिस्से की सड़क पर आधा-आधा फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। इससे छोटे वाहनों को निकालने में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसी ही स्थिति घटलाब्रिज की भी है। घटला ब्रिज पर डामरीकरण नहीं होने से वहां भी छोटे वाहनों को निकालने में दिक्कत हो रही है। वहीं इसी के कारण हादसों की पुनर्रावृत्ति हो रही है।
सालाखेड़ी के आगे सड़क पर गढ्ढ़े हादसे का कारण
सालाखेड़ी चौराहे के आगे जैन ढाबा, सनावदा फटा और नोबल इंटरनेशल स्कूल के सामने सड़क पर गड्ढे हादसे का बड़ा सबब बने हुए है। अभी तक इस पांच किलोमीटर के क्षेत्र में जनवरी माह से अब तक हादसे में तीन लोग जान गवां चुके है और करीब २० घायल हुए हैं।
यह है इस क्षेत्र के मुख्य हादसे के प्वाइंट
सालाखेड़ी से आगे बिलपांक क्षेत्र में हाईवे पर हादसे मुख्य प्वाइंटस धराड़ अंडर ब्रिज, मारूति अकादमी स्कूल, सातरूंडा चौराहा, प्रकाशनगर मोड़, रत्तागिरी फंटा, सरवड़, अंबोदिया फंटा, जामुनिया फंटा, प्रकाश नगर ब्रिज, बिलपांक फंटा व रेन मऊ फंटा है। यहां पर हाईवे को काटकर मनमर्जी से रास्ता निकाल रखा है। जहां पर साइन बोर्ड नहीं है। वहीं इन मुख्य स्पोट पर लाईट की कोई सुविधा नहीं है। जिसके लिए थाना प्रभारी ने भी टोल नाके प्रशासन को लिखित में निर्देश दिए हैं। बिलपांक क्षेत्र में जनवरी से अभी तक ७९ दुर्घटनाओं में १५ लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें ९२ लोग घायल हुए हैं। हादसे का मुख्य कारण सड़क पर गड्ढे और लाइटिंग अव्यवस्था का होना है।
सालाखेड़ी से आगे बिलपांक क्षेत्र में हाईवे पर हादसे मुख्य प्वाइंटस धराड़ अंडर ब्रिज, मारूति अकादमी स्कूल, सातरूंडा चौराहा, प्रकाशनगर मोड़, रत्तागिरी फंटा, सरवड़, अंबोदिया फंटा, जामुनिया फंटा, प्रकाश नगर ब्रिज, बिलपांक फंटा व रेन मऊ फंटा है। यहां पर हाईवे को काटकर मनमर्जी से रास्ता निकाल रखा है। जहां पर साइन बोर्ड नहीं है। वहीं इन मुख्य स्पोट पर लाईट की कोई सुविधा नहीं है। जिसके लिए थाना प्रभारी ने भी टोल नाके प्रशासन को लिखित में निर्देश दिए हैं। बिलपांक क्षेत्र में जनवरी से अभी तक ७९ दुर्घटनाओं में १५ लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें ९२ लोग घायल हुए हैं। हादसे का मुख्य कारण सड़क पर गड्ढे और लाइटिंग अव्यवस्था का होना है।
टोल नाके से एक दिन में गुजरते दस हजार वाहन
टोल नोके से मिली जानकारी के अनुसार यहां से प्रतिदिन करीब दस हजार वाहन गुजरते है। वहां से लगभग एक से डेढ करोड की आय होती है। उसके बाद भी सड़क की स्थिति यह है कि लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। उसके बाद भी न तो प्रशासन और न ही जिम्मेदार अधिकारियों का इस और कोई ध्यान है। वहीं पुलिस भी पत्र लिखकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेती है। लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
टोल नोके से मिली जानकारी के अनुसार यहां से प्रतिदिन करीब दस हजार वाहन गुजरते है। वहां से लगभग एक से डेढ करोड की आय होती है। उसके बाद भी सड़क की स्थिति यह है कि लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। उसके बाद भी न तो प्रशासन और न ही जिम्मेदार अधिकारियों का इस और कोई ध्यान है। वहीं पुलिस भी पत्र लिखकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेती है। लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
यह वसूलते है वाहन से टोल रकम – कार व जीप से ४० रुपए
– लाइट कमर्शियल व्हीकल से ९६ रुपए – बस से २०० रु
– ट्रक से २०० रुपए – ट्रोला व बड़े ट्रक से ४७९ रुपए
बिलपांक टोल नाके के मैनेजर गोविंद शर्मा से सीधी बात
पत्रिका- कितने वाहन टोल नाके से गुजरते है, कितना टोल वसूला जाता है।
मैनेजर- इसकी जानकारी मैं आपकों नहीं दे सकता एमपीआरडी को भेजी जाती है।
पत्रिका- कितने वाहन टोल नाके से गुजरते है, कितना टोल वसूला जाता है।
मैनेजर- इसकी जानकारी मैं आपकों नहीं दे सकता एमपीआरडी को भेजी जाती है।
पत्रिका- लिखित में नहीं एेसे ही बताए।
मैनेजर- करीबन दस हजार वाहन रोजाना गुजरते है। करोड़ में आय है। पत्रिका- सड़क पर कितने गड्ढे है, जानकारी है।
मैनेजर- सड़क पर पेचवर्क किया जा रहा है।
मैनेजर- करीबन दस हजार वाहन रोजाना गुजरते है। करोड़ में आय है। पत्रिका- सड़क पर कितने गड्ढे है, जानकारी है।
मैनेजर- सड़क पर पेचवर्क किया जा रहा है।
पत्रिका- गहरे गड्ढे पेचवर्क से ठीक हो जाएंगे। मैनेजर- बारिश के चलते डामरीकरण नहीं किया जा रहा है। इसीलिए इन्हें भरने का काम किया जा रहा है। पत्रिका- पूरी सड़क पर २० गड्ढे है, काम कहीं नहीं दिखा है, कहां हो रहा है।
मैनेजर- मेंटेनेंस इंचार्ज अजय मिश्रा घटला ब्रिज पर गड्ढे भरवाए है। गड्ढों की संख्या पता नहीं है।
मैनेजर- मेंटेनेंस इंचार्ज अजय मिश्रा घटला ब्रिज पर गड्ढे भरवाए है। गड्ढों की संख्या पता नहीं है।