मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। पैसे लेकर अयोग्य व्यक्तियों का राशन कार्ड बनाया जा रहा है जबकि ग़रीब व्यक्ति भूखे मरने को मजबूर हैं। गढ़वा में मुसहर दलित का मामला भी ऐसा ही है। उन्होंने कहा कि मामले में जाँच करते हुए एमओ बीडीओ के ख़िलाफ़ कार्रवाई आवश्यक है। अंचल ब्लॉक और ज़िला के सरकारी कार्यालयों में बिना पैसे दिये कोई काम नहीं होता है। जन्म प्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में भी पैसे देना पड़ रहा है। राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए घुस देना पड़ता है। सरकारी पदाधिकारियों को मोबाइल रिचार्ज की तरह पद पर बने रहने के लिए हेमंत सरकार को रिचार्ज करना होता है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में क़ानून व्यवस्था चौपट हो गई है। हेमंत सरकार में अपराधियों में क़ानून का डर समाप्त हो गया है। जिस पुलिस को क़ानून व्यवस्था ठीक करना था वे हेमंत सरकार के इशारे पर वसूली में व्यस्त है। बालू गाड़ियों से वसूली में लगे हैं। जबकि दूसरे प्रदेशों में अवैध तरीक़े से बालू की ढुलाई हो रही है। कोयला बालू पत्थर ज़मीन की लूट मची है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में क़ानून व्यवस्था इतनी लचर है कि पिछले पाँच महीने में 23 व्यापारियों की हत्या हुई है जिनमें से 9 व्यापारियों ने पुलिस से सुरक्षा की माँग किया था बावजूद सुरक्षा नहीं मिला। उन्होंने मामले में सीबीआई जाँच की भी माँग किया।