समीर उरांव (Sameer Uraon)ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर अस्पताल और शिक्षण संस्थान के नाम पर ली गयी जमीन की व्यापक जांच कराई जाए और कानून सम्मत समुचित कार्रवाई करते हुए नियम के अनुसार आदिवासी भू रैयतों को जमीन वापस लौटाई जाए। उन्होंने कहा कि जनजाति पारंपरिक धार्मिक सांस्कृतिक सरना, मसना, जाहेरस्थान, ससनदिरी स्थल, देवीगुड़ी, देशवाली जैसे आस्था और विश्वास से जुड़े धरोहर स्थलों पर जबरजस्ती, डरा धमकाकर, सामूहिक बल प्रयोग कर या स्थानीय प्रशासन के साथ मिलीभगत करके ऐसे स्थलों पर चर्च, गोरोटो आदि का निर्माण कर लिया गया है। इन सभी की भी गहनता के साथ जांच कराई जाए और उन्हें मुक्त किया जाए।
इस मौके पर विधायक सह मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य शिवशंकर उरांव ने कहा कि कई आदिवासी बहुल इलाकों में सार्वजनिक चौक, चौराहो या सरकारी भूमि या जंगल पहाड़ पर धार्मिक प्रतीक चिन्ह आदि गाड़कर कब्जा कर लिया गया है, ऐसे अतिक्रमित जमीन को व्यापक अभियान चलवाकर प्रशासन द्वारा हटवाया जाए और इस तरह की सुनियोजित कृत्य करने वालों दोषियों पर सख्त कानूनी कार्यवाई हो। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक रामकुमार पाहन ने कहा कि झारखंड में मिशनरी संस्थाओ के द्वारा साजिश के तहत सीधे-साधे आदिवासी समाज के लोगो को बरगला कर उनको आगे करके पथलगड़ी ( Pathalgadhi ) के प्रारूप को बदलकर अवैध पथलगड़ी करवा रहा है।