ठंड से हार्ट, श्वांस संबंधी मरीजों के अलावा एलर्जी की समस्या अधिक सामने आ रही। बच्चों व बड़ों में श्वांस लेेने में तकलीफ, निमोनिया का संक्रमण, मच्छर जनित बीमारियां मलेरिया, डेंगू, जापानी बुखार आदि बीमारियां अभी से परेशान करने लगी हैं।
मौसम परिवर्तन के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने लगती है। इससे मौसमी बीमारियों का असर रहता है। इससे बचने के लिए ठंडे भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए और लोगों को खान पान पर भी अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखना चाहिए। ठंड के कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहता है। इनसे बचने के लिए सावधानी जरूरी है। ठंड मे सर्दी, बच्चों व बड़ों में निमोनिया जुकाम, वायरल बुखार अन्य बीमारियों के होने का हरदम खतरा बना रहता है। ऐसे में ऊनी व गर्म कपड़ों का उपयोग करना चाहिए।
बुखार सहित मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीजों की दस्तक सुबह से ही अस्पताल परिसर में हो रही है। सुबह से लेकर दोपहर और शाम तक भी मरीजों के आने का सिलसिला चलता है। पिछले आठ-दस दिनों से ओपीडी में सुबह के समय खासी भीड़ देखी जा रही है। भीड़ ज्यादा होने से ओपीडी के सामने पर्चा बनवाने वाले काउंटर पर लंबी कतार देखी जाती है। ज्यादा लंबी लाइन होने से बुजुर्ग और महिलाओं को खासी दिक्कतें होती है, क्योंकि ओपीडी में बुजुर्ग और महिला मरीजों के बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सी भी उपलब्ध नहीं है।