मोहन मरकाम : यह नई जिम्मेदारी है कहीं न कहीं चुनौती भी है। मुझे इस बात का अनुमान नहीं था कि मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी लेकिन यह विश्वास जरुर था कि जो मेहनत करेगा उसका उसका प्रतिफल जरुर मिलेगा। मैं गीता में लिखे को मानता हूँ कि काम करो फल की चिंता न करो। एक बूथ कार्यकर्ता से शुरुआत हुई बाद में बूथ अध्यक्ष फिर ब्लाक अध्यक्ष फिर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सदस्य बनाया गया और अब प्रदेश अध्यक्ष हूँ, मुझे पार्टी ने तीन बार टिकट दिया जिसमे मैंने दो बार जीत हासिल कर।
मोहन मरकाम : देखिये, चुनौतियां कई है। पिछले वर्ष भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ेंऔर 90 में से 68 सीटें जीतने में सफल रहे लेकिन केवल पांच महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में हमको आशातीत सफलता नहीं मिली। ऐसे में हमको चिंतन मनन करना पड़ेगा कि गलतियाँ हमसे कहाँ हुई? उसी गलतियों से सबक लेते हुए हमको संगठन को और मजबूत बनाते हुए आने वाले नगरीय निकाय चुनाव, पंचायती चुनाव और बस्तर के दो सीटों पर उपचुनाव हमें लडऩा है। लोकसभा चुनाव से पहले हमें लगने लगा था कि भूपेश बघेल की सरकार नीतिगत निर्णय लेने में देश की नंबर एक सरकार है। यह भी लगा कि जनता हमारे साथ है और हम सभी 11 सीटों पर चुनाव जीतेंगे लेकिन ऐसा न हो सका। उसी जनता ने हमें विधानसभा चुनाव में सिर पर बैठाया था उसी ने हमें लोकसभा सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया।
मोहन मरकाम : आपके कहने से मैं सहमत हूं। देश का 65 फीसदी युवा देश में दिशा और दशा तय करता है। राहुल गांधी जी युवा है हमारा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि राहुल गांधी जी को ही देश की स्थिति को देखते हुए पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए।
मोहन मरकाम : छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने 15 हजार पदों पर भर्ती शुरू कर दी है। संगठन में हमारी कोशिश होगी कि युवाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो। आने वाले संघर्ष के दिनों में संगठन में जो युवा साथी है वो बढ़ चढ़ कर काम कर सकेंगे।
मोहन मरकाम : हमारे संगठन में वरिष्ठ नेता संगठन को मजबूत करते रहे हैं, रास्ता दिखाते रहे हैं, उनके अनुभव का भी लाभ लेते रहेंगे। साथ में युवाओं को भी संगठन में प्रतिनिधित्व देने की कोशिश करेंगे जिससे कि अनुभव और युवा जोश दोनों मिलकर पार्टी को आगे बढाए।
मोहन मरकाम : देखिये छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता ने 15 साल बाद कान्ग्रेस को मौका दिया है। सरकार की जिम्मेदारी है जनता की अपेक्षाओं पर आशाओं पर खरा उतरना, संगठन की भी जिम्मेदारी है कि उसका सरकार के साथ सही तालमेल हो और सरकार की उपलब्धियों को जनता तक ले जाए। हमारी कोशिश होगी कि संगठन और सरकार सही तालमेल के साथ काम करें।
मोहन मरकाम : देखिये विपक्ष आरोप लगाएगा ही। इसमें कोई बदलापुर नहीं है। अगर कोई गलती किया है तो उस पर कारवाई तो होगी ही। पिछले 15 सालों में कान्ग्रेस के कार्यकर्ताओं पर न जाने कितने मुक़दमे हुए हमने कभी बदलापुर की सरकार नहीं कहा। हमारे मौजूदा सीएम भूपेश बघेल की जमीन की बरसात में नपाई की गई। हमारे सभी वरिष्ठ नेताओं पर तमाम तरह की कार्रवाई की गई। इन पंद्रह सालों में जो गलत किया है उसकी जांच होने पर बदलापुर की बात कहाँ से आ गई ?
मोहन मरकाम : छत्तीसगढ़ सरकार का स्पष्ट दृष्टिकोण हैं कि स्थानीय लोगों का समुचित आर्थिक सामाजिक विकास हो। सरकार की औद्योगिक नीति में ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात है। जब से कांग्रेस की सरकार बनी है छोटे छोटे कुत्रिन उद्योग लघु उद्योगों को वरीयता मिल रही है। मेरे अपने जिले में 136 करोड़ की मक्का प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की बात है भोपालपट्टनम में कागज़ कारखाना खुलना है। हमारी सरकार का स्पष्ट मत है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले और पलायन रुके।