दरअसल, आगामी विधानसभा चुनाव को 3 साल से भी कम समय रह गया है। मगर, राज्य में 15 सालों तक राज करने वाली भाजपा (Chhattisgarh BJP) सड़क से नदारद दिखी है। कार्यकर्ता पार्टी नेतृत्व से खासे नाराज हैं क्योंकि उन्हीं चेहरों को पदाधिकारी नियुक्त किया गया है, जो चुनाव हारे। नए चेहरों को मौका ही नहीं मिला।
इन्हीं वजहों ने पार्टी को संगठन सह महामंत्री सौदान सिंह (Saudan singh BJP) को पद से हटाने के लिए मजबूर किया। सूत्र बताते हैं रही-सही कसर प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नवीन के फीडबैक ने पूरी कर दी, जो उन्होंने पहले दौरे के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व को दिया था।
ऐसा कहा जाता है कि शिव प्रकाश ने ही बंगाल (west bangal election) में पार्टी को खड़ा किया। 2015 में उन्हें पार्टी ने बंगाल भेजा, जिसके बाद से अब भाजपा वहां सत्ता (chhattisgarh assembly elections 2023) में आने का सपना देख रही है। हालांकि सौदान सिंह 2001 में प्रदेश के सह संगठन महामंत्री के तौर पर नियुक्त के बाद उनके ही नेतृत्व में भाजपा ने 3 विधानसभा चुनाव जीते। चर्चा है कि उनके इशारे पर छत्तीसगढ़ में पार्टी चलती थी। मगर, चौथी हार के बाद पार्टी का असंतोष खुलकर सामने आने लगा था।
नए समीकरण बनने भी शुरू
अभी शिव प्रकाश की नियुक्ति ही हुई है कि पार्टी के अंदर समीकरण बनने-बिगडऩे लगे हैं। नेताजी खुश हैं क्योंकि इन्हें लगने लगा है कि अब इन्हें अवसर मिलेंगे। क्योंकि इस दौरान कुछ नेता हाशिए पर चले गए थे। मगर, जो सौदान सिंह के करीबी थे और हावी थे उन्हें पद खतरे में लगना शुरू हो गया है।
अभी शिव प्रकाश की नियुक्ति ही हुई है कि पार्टी के अंदर समीकरण बनने-बिगडऩे लगे हैं। नेताजी खुश हैं क्योंकि इन्हें लगने लगा है कि अब इन्हें अवसर मिलेंगे। क्योंकि इस दौरान कुछ नेता हाशिए पर चले गए थे। मगर, जो सौदान सिंह के करीबी थे और हावी थे उन्हें पद खतरे में लगना शुरू हो गया है।
सौदान का मुख्यालय था रायपुर, शिव का भोपाल
राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री रहे सौदान सिंह का मुख्यालय रायपुर था। वे रायपुर (Raipur) में रहकर अपने कार्यक्षेत्र वाले राज्यों का कामकाज देखते थे। रायपुर में रहने के कारण यहां उनका विशेष ध्यान था। मगर, शिव प्रकाश का मुख्यालय भोपाल (Bhopal) बनाया गया है। वे यहां आते रहेंगे। जानकार मानते हैं मुख्यालय का खासा प्रभाव रहता है।
राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री रहे सौदान सिंह का मुख्यालय रायपुर था। वे रायपुर (Raipur) में रहकर अपने कार्यक्षेत्र वाले राज्यों का कामकाज देखते थे। रायपुर में रहने के कारण यहां उनका विशेष ध्यान था। मगर, शिव प्रकाश का मुख्यालय भोपाल (Bhopal) बनाया गया है। वे यहां आते रहेंगे। जानकार मानते हैं मुख्यालय का खासा प्रभाव रहता है।