हालांकि महापौर एमआईसी से इस्तीफा देने के संबंध में जानकारी नहीं होने का हवाला दे रही है। नगरीय निकाय चुनाव में जब निर्दलीय मधुबाई शहर सरकार की सत्ता में काबिज हुई तो उनके समक्ष एमआईसी गठन की चुनौती थी। हालांकि महापौर ने कांग्रेस व निर्दलीय पार्षदों से एमआईसी गठन किया। एमआईसी गठन होने के ठीक दूसरे दिन ही पहली बार एमआईसी टूटी।
इस समय से लगातार एमआईसी बनने के बाद टूटती ही जा रही है। एमआईसी में सदस्य रहे अमलीभौना के पार्षद रंजीत राघवन सिंह ने एमआईसी से इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे के बाद उनका कहना था कि वे विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा पार्टी में शामिल हुए। वहीं पार्टी के गाइड लाइन के अनुसार वे एमआईसी से त्याग पत्र दिए हैं।
Read more : डोंगरीपाली टीआई पर रिश्वत लेने का आरोप, पीडि़त ने की एसपी से शिकायत हालांकि उनका कहना था कि वे सामान्य पार्षद होते हुए वार्ड विकास के साथ शहर विकास के मुद्दों पर मुखर रहेंगे और शहर का विकास कराने का प्रयास करेंगे। राघवन सिंह के इस्तीफा देने के बाद एमआईसी एक बार फिर अल्प मत में आ गई है। इससे एमआईसी के निर्णय भी प्रभावित हो सकता है। हालांकि राघवन सिंह के इस्तीफा को लेकर महापौर अंजान है। उनका कहना है कि अभी तक उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है।
ये पार्षद अब तक एमआईसी से दे चुके हैं इस्तीफा
एमआईसी सदस्यों के इस्तीफा देने का सिलसिला शुरुआति समय से ही शुरू हो गया है। सबसे पहले एमआईसी से इस्तीफा देने के मामले में कांग्रेस की पार्षद सरस्वती भगत है। यह पार्षद एक दिन ही एमआईसी की सदस्य थी। वहीं इसके बाद शरद सराफ, लालचंद यादव, दिनेश शर्मा भी एमआईसी में रहे, लेकिन वे भी ज्यादा दिनों तक इस पद में नहीं रहे। कुछ माह के बाद इन पार्षदों ने भी पद से इस्तीफा दे दिया।
-मैं भारतीय जनता पार्टी का सिपाही रहा हू, बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी में मेरी वापसी हुई। पार्टी के गाइड लाइन का पालन करते हुए मैंने एमआईसी से इस्तीफा दे दिया है। मैंने अपना इस्तीफा एमआईसी के सचिव को सौंपा है। अब मैं सामान्य पार्षद रहते हुए वार्ड व शहर के विकास में भागीदारी निभाऊंगा।
-रंजीत राघवन सिंह, पार्षद, अमलीभौना
-एमआईसी सदस्य के इस्तीफा देने की जानकारी मुझे अब तक नहीं मिली है। एमआईसी में रहना या नहीं रहना पार्षद का विवेक है। मैं पहले भी शहर विकास के लिए कार्य कर रही थी और अब भी शहर विकास के लिए ही कार्य करूंगी।
-मधुबाई, महापौर