हवा का अच्छा दवाब, हो रहा उत्पादन
प्रतापगढ़ जिले की भौगोलिक परिस्थितियां पवन ऊर्जा के लिए अनुकूल है। यहां वर्तमान में विभिन्न कम्पनियों के कुल 214 संयंत्र लगे हुए है। इनसे 354.75 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है।जिले में सीजन के समय 150 मेगावाट बिजली की खपत होती है, जबकि अन्य समय में 75 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है।ऐसे में इससे अधिक उत्पादन होने वाली बिजली को मुख्य लाइनों में प्रवाहित हो जाती है, जो प्रदेश के मुख्य सिस्टम में मिल जाती है।
रमेश पुरोहित
अधिशासी अभियंता, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम, लिमिटेड, प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ जिले की भौगोलिक परिस्थितियां पवन ऊर्जा के लिए अनुकूल है। यहां वर्तमान में विभिन्न कम्पनियों के कुल 214 संयंत्र लगे हुए है। इनसे 354.75 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है।जिले में सीजन के समय 150 मेगावाट बिजली की खपत होती है, जबकि अन्य समय में 75 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है।ऐसे में इससे अधिक उत्पादन होने वाली बिजली को मुख्य लाइनों में प्रवाहित हो जाती है, जो प्रदेश के मुख्य सिस्टम में मिल जाती है।
रमेश पुरोहित
अधिशासी अभियंता, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम, लिमिटेड, प्रतापगढ़