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राजनीति

चुनावी राजनीति में पलायन को मजबूर यूपी और बिहार के लोगों की बलि क्यों?

गुजरात और महाराष्ट्र में चुनावों से पहले उत्तर भारतीयों से आए प्रवासियों के खिलाफ हिंसक गतिविधियों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। ये घटनाएं लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा हैं।

नई दिल्लीOct 11, 2018 / 10:03 pm

Manoj Sharma

North Indians leaving Gujrat

चुनावी राजनीति में पलायन को मजबूर यूपी और बिहार के लोगों की बलि क्यों?

गुजरात में जिस तरह से उत्तर भारतीय के रहने वालों के साथ व्यवहार हुआ, उसकी निंदा कमोवेश सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक चिंतकों ने की है। इस बात पर सभी एकमत हैं कि भारत में रहने वाला व्यक्ति देश की सीमाओं के भीतर कहीं भी रोजगार करने और रहने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान यूपी और बिहार के लोगों के साथ पहले महाराष्ट्र, असम और अब गुजरात में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दुर्व्यवहार किया गया। इसकी वजह से बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय लोग गुजरात से पलायन करने के लिए मजबूर हो गए हैं।
जनता को जनता से लड़वाता कौन है

क्या ये बात हैरान करने वाली नहीं है कि गुजरात पुलिस ने एक-दो-तीन नहीं बल्कि 300 से ज्यादा लोगों को इस अपराध के लिए गिरफ्तार किया कि उन्होंने अपने ही देश के दूसरे राज्यों से आए लोगों पर हमला किया। आखिर कोई अगर गुजराती भाषा बोलता है, तो उसके पास यूपी या बिहार के वाशिंदों से नफरत करने का कोई कारण तो हो नहीं जाता। ये सभी लोग तो कई वर्षों से प्रेम-पूर्वक साथ-साथ रहते आए हैं। तो क्या सत्ता हासिल करने के लिए स्वार्थी राजनीतिक दल उन्हें लड़वा रहे हैं?
चुनावों के दौरान ऐसी घटनाओँ में बढ़ोतरी हो जाती है

इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि चुनावों से ठीक पहले ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। दरअसल रोजी-रोटी की तलाश में उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में लोग गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे संपन्न राज्यों में जाते हैं। उनमें से कई लोग वहीं बस भी जाते हैं। फिर उनकी अगली पीढ़ी का जन्म भी वहीं होता है, लेकिन फिर भी यूपी-बिहार के लोगों को स्थानीय लोग प्रवासी ही मानते रहते हैं। चुनाव के दौरान इन प्रवासियों को भी वोट बैंक बनता देखना कुछ स्थानीय दलों को रास नहीं आता। यही वजह है कि प्रवासियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन और हिंसक गतिविधियां शुरू हो जाती हैं। राजनीति की आड़ में गुंडा-गर्दी करने वाले ये दल चाहते हैं कि यूपी-बिहार के लोग गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों से पलायन कर लें। दुर्भाग्य से बड़ी संख्या में उत्तर भारत के लोग गुजरात छोड़ भी चुके हैं। वे केवल त्योहार के चलते अपने मूल राज्य गए हैं या उन्होंने गुजरात को छोड़ दिया है, यह आने वाले समय में स्पष्ट हो जाएगा। गुजरात सरकार को चाहिए कि वह इन लोगों की समस्या पर गंभीरता से विचार करे और पलायन को रोके।

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