दरअसल, एक पहले राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष बने थे। तभी से उन्होंने पार्टी में जान फूंकने की मुहिम में जुटे हैं। उन्होंने हर स्तर पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को प्रोजेक्ट करने का काम किया है। इसकी सबसे पहले बानकी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान देखने को मिली थी। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान एक नया रिकॉर्ड बनाया। वह पार्टी के पहले अध्यक्ष बने जिन्होंने कर्नाटक के सभी जिलों में जाकर चुनाव प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने हर जिले के ब्लॉक और जिला अध्यक्षों से भी मुलाकात की थी। पार्टी के लोग बताते हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें राहुल गांधी में काफी बदलाव आया है। उनकी इस मेहनत और जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने का ही परिणाम है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी भाजपा को चुनावी पटखनी देने में कामयाब हुई। राहुल की मेहनत का फल अब जनता वोट के रूप में देने लगी है।