ये बात उन्होंने भारतीय महिला प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू के एक पूर्व छात्र द्वारा वहां के घटनाक्रमों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही। निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं इन घटनाओं की वजह से असहज महसूस करती हूं। उन्होंने कहा कि वामपंथी छात्र संगठनों के ब्रोशर में प्रकाशित तथ्यों से स्पष्ट है कि ऐसे छात्रों का समूह भारत के खिलाफ युद्ध कर रहे हैं। जेएनयू छात्र ऐसे लोगों को जेएनयूएसयू के लिए चुनते हैं। ऐसे लोगों को भारत विरोधी कहने में संकोच करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में जो चीजें हुई हैं वो वास्तव में उत्साहजनक नहीं हैं।
आपको बता दें कि अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ जेएनयू परिसर में नौ फरवरी, 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए थे। इससे पहले नौ फरवरी की रात को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में संसद हमले में शामिल आतंकी अफजल गुरु और जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट की याद में सांस्कृतिक संध्या के आयोजन को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। इसके बाद राष्ट्रवाद पर देशव्यापी बहस के केंद्र में जेएनयू आ गया था। बता दें कि 2016 में एबीवीपी ने इस कार्यक्रम का विरोध जताते हुए हंगामा किया और बात मारपीट तक जा पहंची थी।