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मोदी सरकार ने 10 फीसदी आरक्षण की बात कर सेट किया अपना एजेंडा, बैकफुट पर विपक्ष

विधानसभा चुनाव में हार के सदमे से पार्टी को उबारने के लिए मोदी सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके पीछे पार्टी का मकसद विपक्ष के नैरेटिव को बदलकर अपने एजेंडे पर चुनाव लड़ना है।

नई दिल्लीJan 08, 2019 / 12:19 pm

Dhirendra

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मोदी सरकार ने EWS के लिए 10 फीसदी आरक्षण की बात कर अपना एजेंडा किया सेट, विपक्ष को बैकफुट पर धकेला

नई दिल्‍ली। लोकसभा चुनाव से चंद महीने पहले मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्‍लूएस) सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा कर नया मोर्चा खोल दिया है। यह कोटा अभी तक निर्धारित 50 फीसदी कोटे से अलग होगा। इसे कानूनी वैधता प्रदान करने के लिए मोदी सरकार आज संविधान संशोधन बिल पेश कर सकती है। मोदी कैबिनेट के इस निर्णय के जरिए भाजपा सवर्णों को साधने के साथ अपने पक्ष में नैरेटिव सेट करने की कोशिश की है। ताकि लोकसभा चुनाव में अपने हिसाब से माहौल तैयार करना संभव हो सके। बता दें कि पांच राज्‍यों की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत से भाजपा को बड़ा झटका लगा था। हार का कारण भाजपा नेतृत्‍व ने एससी-एसटी संशोधन बिल से उत्‍पन्‍न सवर्णों की नाराजगी माना है। लोकसभा चुनाव में इस नाराजगी को दूर करने के लिए यह कदम उठाया है।
विपक्ष को साधने की कोशिश
मोदी सरकार ने ये फैसला पांच राज्‍यों के चुनाव में मिली हार और कांग्रेस सहित अन्‍य विपक्षियों के नै‍रेटिव्‍स को लोकसभा चुनाव से पहले बदलने के मकसद से लिया है। ताकि लोकसभा चुनाव भाजपा अपने एजेंडे पर लड़े और विपक्ष को चुनाव में पटखनी दे सके। जानकारों की माने तो केंद्र सरकार ने ऐसा कर विपक्ष को बड़ा झटका दिया है। अब विपक्षी दलों को समझदारी से अपने नैरेटिव्‍स नए सिरे से सेट करने होंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव के दौरान पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनावों से मिली बढ़त का लाभ उठाना विपक्ष के लिए मुश्किल हो जाएगा। ऐसा इसलिए कि मोदी सरकार के इस फैसले का मकसद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी हार्टलैंड वाले राज्‍यों में मिली हार के सदमें से पार्टी को बाहर निकालना है।
नई संभावनाओं को मिला बल
सरकार के फैसले का सीधा असर यह हुआ है कि मिशन 2019 का नैरेटिव बदल गया है। इससे नई गठजोड़ की संभावनाओं को बल मिला है। ऐसा इसलिए कि मोदी सरकार ने ये फैसला उन गरीब सवर्णों के लिए उठाया है जिन्‍हें नौकरियों और उच्‍च शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण की सुविधा हासिल नहीं है। सरकार के इस कदम का विरोध करना विपक्ष के लिए नुकसानदेह हो सकता है। फिलहाल इस निर्णय का नफा-नुकसान किसके पक्ष में जाएगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। इतना जरूर है कि सरकार ने विपक्षी एजेंडे से ऊपर उठकर अपना एजेंडा सेट करने की कोशिश की है।
किसे मिलेगा लाभ
सभी धर्मों में 8 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवार और जिनके पास 5 एकड़ से कम की कृषि भूमि है। 1,000 वर्ग फुट से कम का घर या अधिसूचित नगरपालिका क्षेत्र में 100 गज से कम का भूखंड में रहने वालों लोगों को। गैर अधिसूचित नगरपालिका क्षेत्र में 200 गज से कम का भूखंड वाले अगड़े लोगों को इसका लाभ मिलेगा ।

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