कांग्रेस के भीतर प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को भी चुनाव मैदान में उतारने की बात कर रही है। उन्हें इंदौर से संभावित उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि जीतू पटवारी खुद अभी तक इंदौर से मैदान में आने के लिए राजी नहीं हैंं। ऐसे में यह बड़ा सवाल होगा कि क्या प्रदेश अध्यक्ष चुनाव मैदान में आएंगे या फिर नहीं। दूसरी ओर कमलनाथ ने भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। उनका नाम जबलपुर सीट से संभावित उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था। हालांकि उनके बेटे नकुलनाथ एक बार फिर से छिंदवाड़ा से उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह के बेटे और कांग्रेस के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह का नाम भी गुना संसदीय सीट से चल रहा है। लेकिन कहा जा रहा है जयवर्धन सिंह खुद भोपाल से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। वह गुना में उम्मीदवार नहीं बनना चाहते हैं। हालांकि राजगढ़ सीट पर मुकाबला करने के लिए कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रियव्रत सिंह का नाम आगे है। प्रियव्रत भी दिग्विजय सिंह के रिश्तेदारों में आते हैं। ऐसे में संभव है कि कांग्रेस गुना सीट से भाजपा से कांग्रेस में आए पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी को मैदान में उतार सकती है।
जिन विधायकों को टिकट मिलने की उम्मीद की जा रही है, उनमें उज्जैन से तराना विधायक महेश परमार, मुरैना सीट से जौरा विधायक पंकज उपाध्याय, जबलपुर से लखन घनघोरिया, विदिशा से सिलवानी विधायक देवेंद्र पटेल, दमोह सीट से बड़ा मलहरा विधायक रामसिया भारती, शहडोल से पुष्प राजगढ़ विधायक फुंदेलाल मार्को, मंदसौर में विधायक विपिन जैन को उतारा जा सकता है।
रीवा सीट पर भाजपा ने जनार्दन मिश्रा को एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस यहां पर पूर्व विधायक नीलम मिश्रा को उम्मीदवार के तौर पर देख रही है। नीलम मिश्रा सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा की पत्नी हैं। ऐसे में इन्हें भी प्रभावी उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। अभय मिश्रा और नीलम मिश्रा पूर्व विधायक रह चुके हैं।
कांग्रेस के भीतर सागर सीट को लेकर भी बड़ा सवाल बना हुआ है कि यहां पर पार्टी किस पर दांव लगाएगी। यहां से विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक रहे गुड्डू राजा बुंदेला उर्फ चंद्रभूषण सिंह बुंदेला प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। उनके साथ दूसरे दावेदार के तौर पर पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे को माना जा रहा था, लेकिन अरुणोदय चौबे ने पिछले दिनों कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। अरुणोदय चौबे को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी माना जाता है। ऐसे में कांग्रेस के भीतर भी सवाल है कि आखिर सागर लोकसभा से कांग्रेस किसको मैदान में लाएगी। जबकि भाजपा ने लता वानखेड़े को टिकट दिया है।