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ये हैं 70 साल की प्रमिला बिसोई, ऐसे तय किया आंगनवाड़ी कर्मी से संसद तक का सफर

Anganwadi में खाना बनाने का काम करती थी MP Pramila Bisoi
Odisha के अस्का से MP है प्रमिला बिसोई
बिसोई को प्यार से ‘परी मां’ पुकारते हैं लोग

नई दिल्लीJul 07, 2019 / 02:49 am

Shivani Singh

pamila

नई दिल्ली। बदलते दौर में महिलाएं भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं का बोल-बाला है। संसद ( में इस बार 78 महिलाएं लोकसभा चुनाव जीत कर पहुंची हैं। जिसमें से एक हैं ओड़ीशा की प्रमिला बिसोई ( MP Pramila Bisoi )। प्रमिला ओड़ीशा के अस्का से सांसद हैं। उन्होंने इस बार बीजू जनदा दल (‌‌‌‌ BJD ) के टिकट पर चुनाव लड़ककर जीत हासिल की है। लेकिन उनकी यह सफलता महिला सांसदों से काफी अलग है। आइए जानते हैं प्रमिला बिसोई के आंगनवाड़ी कर्मी (Anganwadi Worker ) से सांसद बनने के सफर के बारे में….

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विरासत में नहीं मिली राजनीति

Pramila Bisoi

प्रमिला बिसोई की सांसद बनने की कहानी आसान नहीं। उन्हें ना राजनीति विरासत में मिली और ना ही पैसे के दम पर उन्होंने चुनाव लड़ा। कभी आंगनवाड़ी कर्मी रही बिसोई को यह पता नहीं था कि एक दिन वह सांसद बन जाएंगी। बता दें कि 70 साल की यह महिला कभी आंगवाड़ी में खाना बनाने का काम करती थीं। लेकिन देखते ही देखते प्रमिला को सफलता मिलती गई।

जब प्रमिला 5 साल की थीं तभी उनकी शादी कर दी गई थी। शादी की वजह से उनकी पढ़ाई नहीं हो सकी थी। लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने अपने गांव में ही आंगनवाड़ी में खाना बनाने का काम शुरु कर दिया। इसी दौरान उन्होंनेे गांव में एक स्वयं सहायता समूह की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

साल 2001 में वह बीजेडी की योजना ‘मिशन शक्ति’ से जुड़ गईं और उसका प्रतिनिधि किया। इस योजना के तहत वह महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने लगीं। उन्होंनेे महिलाओं को सशक्त बनाने का काम किया। इसके अलावा वे स्वास्थ्य, सफाई जैसे मुद्दों पर काम भी करती रहीं।

क्या कहा था नवीन पटनायक ने

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ओड़ीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा था, प्रमिला ( MP Pramila Bisoi ) मिशन शक्ति से जुड़ी महिलाओं के लिए एक उपहार की तरह हैं। अब वे सांसद बन चुकी हैं। भले ही उन्हें राजनीति का कोई अनुभव नहीं। लेकिन लोगों को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं और इन उम्मीदों ने उन्हें संसद तक पहुंचाया है।

‘परी मां’ पुकारते हैं लोग

 

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आपको बता दें कि सांसद चुने जाने से पहले प्रमिला ने करीब पांच दशकों से गांव में प्रसूति और मां-बच्चे की देखभाल का काम किया। इस काम में वह हमेशा आगे रहती थीं। यही वजह थी की वहां के लोग उन्हें प्यार से ‘परी मां’ पुकारने लगे। वे करीब 15 साल से लोगों की इसी तरह सेवा कर रही हैं और आज भी लोग उन्हें परी मां के तौर पर ही जानते हैं।

व्यक्तिगत परिचय

प्रमिसा बिसोई ( MP Pramila Bisoi ) बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पांच साल की उम्र में उनकी शादी कर दी गई थी। उनके पति चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारी थे। उनके दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा चाय की दुकान चलाता है। वहीं दूसरा बेटा गाड़ियों की रिपेयरिंग की दुकान चलाता है। उनका पूरा परिवार एक टिन की छत वाले घर में रहता है।

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