एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कोंग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। भाजपा का प्रयास है कि जल्दी ही ये 13 विधायकों से इस्तीफा दिलवा दे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भाजपा कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के विरुद्ध अगले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है।
इसके अलावा, भाजपा ने अपनी पार्टी के विधायकों को दिल्ली बुलवा लिया है। रिपोर्ट के अनुसार- कर्नाटक विधायकों की बैठक 1:30 बजे दिल्ली के वेस्टर्न कोर्ट एनेक्सी में हुई। इसमें प्रदेश अध्यक्ष येदियुरप्पा के साथ -साथ प्रदेश भाजपा के कई नेता मौजूद थे।
जबकि बताया यह जा रहा है कि बैठक लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए हुई। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बैठक में राज्य के ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई। साथ ही विधायकों को एकजुट रखने और संभावित तोड़फोड़ से बचाने पर भी बात की गई।
बैठक के बाद भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक में राजनेतिक हालात को देखकर अपने 102 विधायकों को गुड़गांव के रिजॉर्ट में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है। कुमारस्वामी ने रिपोर्ट को किया खारिज
दूसरी तरफ, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सरकार की ‘अस्थिरता’ को खारिज किया। उन्होंने कहा कि ‘अस्थिरता’ का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने इन रिपोर्टो को भी खारिज या, जिनमें कहा जा रहा है कि भाजपा उनकी सरकार को गिराने के लिए कथित रूप से ‘ऑपरेशन कमल’ चला रही है।
कुमारस्वामी ने यह बात जरूर दोहराई कि भाजपा सत्तारुढ़ गठबंधन के विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि गठबंधन का कोई भी विधायक पाला नहीं बदलेगा। कुमारस्वामी के अनुसार- ‘मैंने मीडिया में आई इन रिपोर्ट्स (ऑपरेशन कमल) को देखा है। एक रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि 17 जनवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा। मुझे नहीं पता कि मीडिया में इस प्रकार की रिपोर्ट कौन दे रहा है…. मुझे यह रिपोर्ट देखकर हैरानी हुई।‘
कुमारस्वामी ने कहा कि- ‘मुझे नहीं पता कि ऐसी रिपोर्ट्स से किसे लाभ होगा। किंतं मेरी राय में इससे राज्य की जनता का नुकसान होगा।’