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चुनाव नतीजों से पहले तेजस्वी का नीतीश कुमार पर तंज, चालाक हैं चाचा कभी भी पलट जाएंगे चुनाव आयोग और BJP पर कांग्रेस का हमला चुनाव आयोग के फैसले पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के लिए आज का दिन काला है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग है या कमजोर आयोग। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब ‘आचार संहिता’ बनी ‘मोदी प्रचार संहिता’। इधर, कांग्रेस के बयान पर BJP अध्यक्ष अमित शाह ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष लोकतंत्र की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ईवीएम का विरोध जनादेश का अनादर है। अमित शाह ने ट्वीट किया, ईवीएम से चुनाव जीते तो सत्ता क्यों संभाली? हार के डर से 22 विपक्षी पार्टियां बौखला गई है।’
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राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को किया सावधान, ‘अगले 24 घंटे हमारे लिए महत्वपूर्ण’ अमित शाह ने विपक्ष से एक के बाद एक कुल छह सवाल किए- 1. EVM की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी EVM द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है। यदि उन्हें EVM पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों सम्भाला ?
2. देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा PIL का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है। जिसमें की हर विधानसभा क्षेत्र में पांच VVPAT को गिनने का आदेश दिया है। तो क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे है ?
3. मतगणना के सिर्फ दो दिन पूर्व 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पुर्णतः असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना सम्भव नहीं है।
4. विपक्ष ने EVM के विषय पर हंगामा छः चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एक्जिट पोल के बाद यह और तीव्र हो गया। एक्जिट पोल EVM के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। अतः एक्जिट पोल के आधार पर आप EVM की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते है?
5. EVM में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था। परन्तु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया।
6. कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर ‘हथियार उठाने’ और “खून की नदिया बहाने“ जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे है। विपक्ष बताये कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है?
आखिर में अमित शाह ने लिखा कि EVM पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास है, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।