इससे पहले कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने कहा था कि मोदी ने देश की हर उस संस्था को चोट पहुंचाई है, जिन पर शासन प्रशासन की जिम्मेदारी है। इन संस्थाओं की स्वायत्तता को खत्म किया जा रहा है। सीबीआई के अलावा सीवीसी भी निशाने पर है। आरबीआई को बर्बाद करने में लगे हैं। यूजीसी का भी ऐसा ही हाल है। वहां किसी को बोलने की इजाजत नहीं है।
उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार ने अब रिजर्व बैंक की स्वायत्तता पर बड़ा हमला किया है। यह बैंक कई दशकों से अच्छा काम कर रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने इसे भी स्वतंत्र तरीके से काम नहीं करने दिया। सरकार जो खर्च करती है। अब उसी मोनेटरी संस्था यानी आरबीआई पर नियंत्रण करना चाह रही है। नियम के हिसाब से पब्लिक सेक्टर बैंक पर केवल आरबीआई का नियंत्रण होना चाहिए। 2008 में आर्थिक मंदी के दौरान आरबीआई ने बहुत मजबूती से काम किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह कहना कि आरबीआई अपना कार्य करने में सक्षम नहीं है। वे अपना यह बयान वापस लें। जेटली आरबीआई की गरिमा पर एक के बाद एक चोट कर रहे हैं।