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पटना

बिहार कांग्रेस की मांग तो नहीं तेजस्वी के इस्तीफे की वजह!

Tejashwi’s Resignation: तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) ने बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ( Bihar Assembly Opposition Leader ) के पद से इस्तीफे की पेशकश की जिसे आरजेडी ( Rjd ) ने खारिज कर दिया। बिहार महागठबंधन ( Bihar Mahagathbandhan ) में बिखराव देखा जा रहा है।

पटनाJul 04, 2019 / 04:56 pm

Prateek

Tejashwi Resignation

Tejashwi Yadav

(पटना,प्रियरंजन भारती): कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे ( Rahul Gandhi Resign ) का असर बिहार की सियासत पर भी पड़ा है। लंबे समय से अज्ञातवास में रह रहे विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ( Tejashwi’s Resignation ) ने आज इस्तीफे की पेशकश कर दी। हालांकि पार्टी ( RJD ) ने इसे सिरे से अस्वीकार कर दिया है।


प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार में बिखराव की स्थिति झेल रहे महागठबंधन ( Bihar Mahagathbandhan ) के घटक दल कांग्रेस ( bihar congress ) के नेताओं ने किसी का नाम लिए बिना महागठबंधन के नेतृत्व से राहुल गांधी की तरह हार की जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग कर डाली। इसके बाद ही तेजस्वी यादव ने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की।

 

 

तेजस्वी के साथ सब दे देंगे इस्तीफा

आनन फानन में आज आरजेडी विधायक ( RJD MLA ) दल की बैठक आयोजित की गई और एकमत से इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया गया। पार्टी के प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि तेजस्वी यादव ( tejashwi yadav ) हमारे नेता हैं और रहेंगे। विधायक एज्जा यादव ने कहा कि इस्तीफा उन्हें देना चाहिए जो सरकार चला रहे हैं और बिहार में सब नियंत्रण से बाहर हो रहा है। पार्टी नेता और विधायक शक्ति सिंह यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव अगर इस्तीफा देने पर अड़े रहे तो पार्टी के सभी विधायक और विधान पार्षद सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे।


आरजेडी और महागठबंधन की कमान तेजस्वी के हाथ

बता दें कि लालू यादव ( Lalau Yadav ) के चारा घोटाले ( chara ghotala ) में जेल जाने के बाद तेजस्वी यादव ही आरजेडी की कमान संभाल रहे हैं। महागठबंधन के नेता के बतौर भी सबसे बड़े दल के नाते आरजेडी के हाथों में ही कमान है। चुनाव ( Lok Sabha Election 2019 ) में महागठबंधन की हार के साथ ही तेजस्वी यादव लंबे समय से लापता हैं। विधानसभा ( bihar Assembly ) के मौजूदा सत्र में पटना में रहते हुए भी नहीं आ रहे। इसे लेकर महागठबंधन दलों में असंतोष है जबकि सत्तारूढ़ खेमा आक्रामक बना हुआ है।


महगठबंधन में बिखराव, कांग्रेस हुई आक्रामक

महागठबंधन दल अलग-अलग अभियान चलाते हुए आरजेडी नेतृत्व के नियंत्रण से पृथक दिखने लगे हैं। कांग्रेस अपने चिन्हित मुद्दों पर अलग से कार्ययोजना बनाकर चल रही है। विधानसभा के मॉनसून सत्र ( Bihar Assembly Monsoon Session ) में भी यह देखने को मिल रहा है। दो दिनों में कांग्रेस विधायक दल ने विधानमंडल में आरजेडी से अलग रुख दिखाते हुए सरकार के खिलाफ आक्रामकता दिखाई। विधायक दल की बैठक में भी निर्णय किया गया कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ अभियान में अपनी राह चलेगी।विधायक दल के मुख्य सचेतक राजेश कुमार के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व अपनी जिम्मेदारियों को निभाना जानती है। पार्टी की हार की जिम्मेवारी लेते हुए राहुल गांधी ने जैसे अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया वैसे ही बिहार के महागठबंधन नेताओं को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए। कांग्रेस विधायक दल कि बैठक में लिए निर्णय का असर विधानसभा में दिख रहा है।विधायक और पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कृषि क्षेत्र के मामले पर चर्चा के दौरान मंत्री के जवाब पर बखूबी चर्चा की और सरकार पर हमलावर बने रहे।


आरजेडी में असंतोष और असमंजस का असर अन्य घटक दलों के ऊपर भी साफ दिखने लगा है। उपेंद्र कुशवाहा ( Upendra Kushwaha ) अलग से राज्य सरकार की विफलताओं को लेकर पदयात्रा कर रहे हैं। इधर जीतनराम मांझी ( Jitan Ram Manjhi ) महागठबंधन नेताओं से अलग सरकार के खिलाफ धरना देने में अपना अलग कार्यक्रम बना चुके हैं।


आरजेडी नेताओं में भी असंतोष साफ दिखने लगा है। पार्टी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह हमेशा बयानबाजी कर नेतृत्व को असहज बना डालते हैं। पार्टी प्रवक्ताओं ने सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा और बयानबाजी लगभग छोड़ दी है।

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