scriptकिसान खेती के लिए कर रहा पानी चोरी, पेयजल के लिए 72 घंटे में मिल रहा पानी | Water theft from the jawai dam in Pali district | Patrika News
पाली

किसान खेती के लिए कर रहा पानी चोरी, पेयजल के लिए 72 घंटे में मिल रहा पानी

www.patrika.com/rajasthan-news

पालीFeb 15, 2019 / 01:40 pm

Suresh Hemnani

Water theft from the jawai dam in Pali district

किसान खेती के लिए कर रहा पानी चोरी, पेयजल के लिए 72 घंटे में मिल रहा पानी

पाली। जवाई बांध में पानी की कमी को लेकर जिला प्रशासन व जलदाय विभाग जून तक का पानी होने की दुहाई दे रहा है। पिछले साल बारिश की कमी के कारण जिले के अधिकांश बांध रीते हैं। एकमात्र जवाई बांध में भी पानी की कमी के कारण जिला प्रशासन ने जिलेभर में पेयजल आपूर्ति का समय 48 से बढ़ाकर 72 घंटे कर दिया है। ऐसे में गर्मी में पानी का संकट हो सकता है।
पानी को बचाने के हर जतन करने की हिदायत दी जा रही है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर ही इसकी अनदेखी की जा रही है। जिले के प्रमुख जवाई बांध में पेटा काश्त कर रहे किसान खुलेआम बांध से पानी की चोरी कर रहे हैं। सैकड़ों मीटर लम्बे पाइप बांध के पेटे में बिछे दिखाई दे रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने आंखे बंद कर रखी है। इधर, जिले में एक भी गांव कस्बा ऐसा नहीं है जहां पाइप लाइन लीकेज के कारण पानी की बर्बादी नहीं हो रही है।
24.30 फीट है जवाई का गेज
जवाई बांध में वर्तमान में 24.30 फीट गेज के साथ 1532 एमसीएफटी पानी उपलब्ध है। जलदाय विभाग के अनुसार इस पानी से जून तक पेयजल की व्यवस्था है। ऐसे में बारिश के आने से पहले ही जिले में पेयजल संकट तय माना जा रहा है। दूसरी ओर पानी की बर्बादी को रोकने के किसी भी स्तर पर प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं। गांव पेयजल को तरस रहे हैं तो गांवों में लीकेज के कारण पानी की बर्बादी भी खूब हो रही है। वहीं जवाई बांध से खुलेआम पानी चोरी हो रही है। दूदनी, सैणा आदि क्षेत्र में काश्तकार पम्प लगाकर सैकड़ों मीटर पाइप बिछाकर पानी की चोरी कर रहे हैं।
कार्रवाई करवाते हैं
मैंने जवाई बांध के अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता को जवाई बांध से पानी चोरी के मामले में निर्देशित किया है। इस मामले में शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी। -मनीष परिहार, अधीक्षक अभियंता, जल संसाधन विभाग, पाली
बर्बादी का एक रूप ये भी… दान से अवाळा बनाया, टोंटी नहीं लगाई, व्यर्थ बहता है पानी
बगड़ी नगर। पानी की कीमत घर से बाहर जाने के बाद ही पता चलती है। जहां प्यास बुझाने की कीमत अदा करने पर नाप में ही पानी मिलता है। हालांकि पेयजल के अपव्यय को रोकने के लिए सरकारों ने समय-समय पर गंभीरता दिखाई और योजनाएं भी लागू की परन्तु जिम्मेदार इसे लेकर बेपरवाह हैं।
कस्बे की पेयजल व्यवस्था के लिए वर्तमान में गजनाई बांध से जलापूर्ति की जा रही है। जहां से बिछाई गई पाइप लाइन में सैकड़ों लीकेज के चलते पानी का अपव्यय हो रहा है। देवली हुल्ला व कस्बे के बीच लगभग दस किलोमीटर की दूरी में दानदाता व भामाशाहो के सहयोग से जगह-जगह पशुओं के लिए पानी के अवाळे बनाकर उसमें पाइप लाइन से कनेक्शन लेकर नल लगाए गए हैं। मगर उन नलों को बंद करने के लिए कोई भी वॉल्व या टोंटीं नहीं लगाई गई है। इसके कारण चौबीसों घंटे ये नल खुले ही रहते हैं। इससे अनमोल पेयजल का लगातार अपव्यय होता रहता है। इन नलों से पानी के व्यर्थ बहने से अवाळों के पास जमा हुआ पानी तालाब की शक्ल ले चुका है। लेकिन जलदाय विभाग के जिम्मेदारों के उदासीन रवैये के कारण कस्बे के लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

Home / Pali / किसान खेती के लिए कर रहा पानी चोरी, पेयजल के लिए 72 घंटे में मिल रहा पानी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो