कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने दिखाया दम-
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में सम्पन्य हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का सफर शानदार रहा। भारत ने इन खेलों में 26 गोल्ड मेडल समेत कुल 66 (20 सिल्वर, 20 ब्रॉन्ज) पदक जीते। 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेस्म में जीते 64 पदकों से इस बार भारतीय दल का प्रदर्शन बेहतर कहा जा सकता है। हालांकि, गोल्ड कोस्ट में भारतीय दल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे पायदान पर रहा। यहां भारत ने 15 खेलों में हिस्सा और 9 में मेडल जीते। यहां भारत के लिए सबसे अधिक शूटिंग (7 गोल्ड समेत कुल 16 मेडल) से मेडल आए। रेसलरों ने 5 गोल्ड, तीन सिल्वर और चार ब्रॉन्ज समेत कुल 12 मेडल अपने नाम किए। जबकि वेटलिफ्टिंग में 9 पदक (पांच गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल) भारत की झोली में आए। बता दें कि भारत ने दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में कुल 101 पदक जीते थे। वहीं 2002 के मैनचेस्टर खेलों में कुल 69 मेडल मिले थे।
हॉकी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार लेकिन खिताब से चुके-
भुवनेश्वर में हुए हॉकी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 5-0 से हराकर जोरदार आगाज किया, लेकिन क्वॉर्टर फाइनल में हार मिली। इसके साथ ही भारत का का घर में वर्ल्ड कप जितने का सपना चकनाचूर हो गया। भारतीय टीम को 3 बार की चैंपियन नीदरलैंड्स ने 2-1 से हराया। भारतीय टीम यहां छठे नंबर पर रही। हालांकि, उसका यह प्रदर्शन संतोष जनक कहा जा सकता है, क्योंकि 2014 में वह 9वें और 2010 में 8वें स्थान पर रही थी। टूर्नमेंट का खिताब बेल्जियम के नाम रहा था। उसने नीदरलैंड्स को फाइनल में हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया।
एशियन चैंपियंस ट्रोफी हॉकी भारत और पाक संयुक्त विजेता-
मस्कट में हुए एशियन चैंपियंस ट्रोफी का खिताब भारत को चिर-प्रतिद्वंद्वी टीम पाकिस्तान से साझा करना पड़ा, क्योंकि खिताबी मुकाबला बारिश की वजह से रद्द कर दिया गया था। इस तरह महामुकाबले की जगह दोनों टीमों को संयुक्त विजेता बनकर संतोष करना पड़ा। इससे पहले दोनों (भारत और पाकिस्तान) टीमें यह खिताब 2-2 बार अपने नाम कर चुकी थीं। भारत ने यह खिताब साल 2011 और 2016 में अपने नाम किया था वहीं पाकिस्तान ने लगातार दो बार 2012 और 2013 में जीता था। इस टूर्नमेंट में टीम इंडिया ने सिर्फ मलयेशिया से गोल रहित ड्रॉ खेला था, बल्कि ओमान (11-0), पाकिस्तान (3-1) , जापान (9-0), कोरिया (4-1) और सेमीफाइनल में भी जापान (3-2) टीम को भी मात देकर लोहा मनवाया था।
सुपर गर्ल मेरी कॉम का बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में कमाल-
सुपरमॉम एमसी मेरी कॉम ने 35 वर्ष की उम्र में वर्ल्ड चैंपियनशिप में खिताबी सिक्सर लगाते हुए इतिहास रच दिया। दिल्ली के केडी जाधव हॉल में हुई 48kg कैटिगरी के फाइनल फाइट में उन्होंने खुद से 13 वर्ष छोटी यूक्रेन की हन्ना ओकोता को 5-0 (30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 30-27) से हराया और रेकॉर्ड छठी बार महिला विश्व कप का खिताब जीतने का गौरव हासिल किया। मेरी कॉम इस जीत के बाद भावुक हो गईं। तिरंगा लहराते समय उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। यह जीत के उनके खेल के प्रति समर्पण को दर्शाती है। 6 विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली मेरी कॉम दुनिया की पहली महिला बॉक्सर बनीं। वर्ल्ड चैंपियनशिप का यह 7वां मेडल रहा। बता दें कि उन्होंने 6 गोल्ड के अलावा एक सिल्वर भी जीता है।