इस संबंध में शिक्षिका आसटकर ने बताया कि ४ वर्ष की अल्पायु में ही पिता का साया छिन गया। मां के प्यार के सहारे अभावों में जीवन यापन करते हुए बगैर हिम्मत हारे निरंतर आगे बढ़ती गई। इन्होंने शिक्षक के रूप में कैरियर अपनाकर परिवार का आर्थिक सहारा बनकर दायित्व संभाला।
इनकी रही उपलब्धि
शिक्षिका आसटकर ने बताया कि नशामुक्ति प्रेरक गीत, वाइन कविता, हंसते रहना, एडस् उन्मूलन, गांव में शांति स्थापना कार्य, पर्यावरण प्रदूषण छात्रों व ग्रामीणों में पर्यावरण के प्रति जनजाग्रति लाने के लिए सर्वोदय अहिंसा अभियान उपाधि। नवाचारी प्रयोग में मानव हृदय का मॉडल प्रस्तुत कर उसमें रक्त संचरण व धड़कन क्रियाविधि को बताना। मानव किडनी का मॉडल प्रस्तुत कर उत्सर्जन क्रिया को समझाना। शिक्षण में तकनीकि का प्रयोग, कमजोर छात्रों के लिए प्रयास, डीआरजी के रूप में सहभागिता, सड़क पर बेहोशी की हालत में पड़ी महिला को अपनी पीठ पर लादकर अस्पताल पहुंचाकर जान बचा वीरतापूर्वक साहसीपूर्वक कार्य किया। सर्वोत्तम वीरतापूर्ण कार्य के लिए राज्य शासन से पुरस्कार प्राप्त, सामाजिक क्षेत्र में दिव्यांग व कमजोर वर्ग के लोगों के लिए उत्कृष्ट कार्य, विपिन जोशी स्मारक समिति इटारसी द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान, योग के क्षेत्र में बच्चों व मानव कल्याण के लिए योग के माध्यम से स्वस्थ रहने व जीवन जीने की कला सिखाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई।