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आपकी बात…क्या चुनाव की तिथियां तय करते समय मौसम का भी ध्यान रखा जाना चाहिए?

आपकी बात…क्या चुनाव की तिथियां तय करते समय मौसम का भी ध्यान रखा जाना चाहिए?

जयपुरApr 23, 2024 / 03:22 pm

विकास माथुर

voting in weather
अनुकूल मौसम में मतदाता को सुविधा
मौसम के अनुसार तिथियों का चयन करना मतदाताओं की सुविधा को बढ़ावा देता है।
तेज गर्मी या तेज सर्दी में मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक आने में परेशानी होती है। बारिश के दिनों में तो मतदाता का बूथ तक आना मश्किल होगा। अनुकूल मौसम के साथ चुनाव की तारीखों का चयन करना, चुनाव प्रक्रिया में सहजता और सुरक्षा का आभास कराता है। इससे उनकी भागीदारी बढ़ती है और लोकतंत्र मजबूत बनता है।
संजय माकोड़े, बैतूल
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बिगड़ते मौसम में किसान को फसल की अधिक चिंता
चुनाव की तिथियों को तय करते समय चुनाव आयोग को मौसम का ध्यान रखना चाहिए। उत्तर प्रदेश में इस समय फसल कटाई चल रही है, ऊपर से मौसम के बदलते मिज़ाज के कारण किसान का सारा ध्यान फसल घर लाने की ओर लगा रहता है। इससे भी मतदान में कमी आ रही है। अतः चुनाव की तिथियां ऐसी हो कि मतदान में वृद्धि हो सके।
— हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश
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मौसम के साथ त्योहार, शादी सीजन का भी हो ध्यान
लोकसभा के आम चुनाव राष्ट्रीय स्तर का इवेंट है। देश के सभी राज्यों के मौसम में भी भिन्नता रहती है। चुनाव आयोग को चुनाव की तारीखें तय करते समय मौसम का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही विवाह समारोह, प्रमुख त्योहारों का भी ध्यान रखना चाहिए। इससे देश में मतदाताओं की चुनाव प्रक्रिया में सहभागिता बढेगी।
— ललित महालकरी, इंदौर
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स्थानीय मौसम के अनुुसार तय हों तिथियां
निश्चित तौर पर स्थानीय मौसम अनुसार तिथियां तय की जानी चाहिए। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर अबूझ सावों में होने वाले विवाहों की तिथियां भी ध्यान में रखी जावें। जिससे वोट प्रतिशत में सुधार हो सकेगा। संभव हो तो प्रवासी मतदाताओं के मत होम वोटिंग की तर्ज पर भी डलवाने की व्यवस्था करवाई जाए।
— भागीरथ आचार्य, बीकानेर
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मतदान में मौसम नहीं हो बाधक
स्वस्थ लोकतंत्र में सही तरीेके से चुनाव होना बहुत महत्वपूर्ण है। चुनाव में जन की भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है। मतदाता को समझना चाहिए कि सही जनप्रतिनिधि का चुनाव होना जरूरी है। मौसम इसमें बाधक नहीं होना चाहिए। अपने जरूरी काम के लिए हम सर्दी, गर्मी या ​बारिश को नहीं देखते। इसी तरह वोटिंग भी मतदाता की आवश्यक जिम्मेदारी है। इसे हर मतदाता को अपना वोट डालना चाहिए।
— राशी विश्वकर्मा, नरेला शंकर, भोपाल
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तेज गर्मी में कम रहा मतदान
चुनाव की तिथियां तय होने में मौसम का ध्यान रखना जरूरी है। 19 अप्रेल को हुए
चुनाव के पहले चरण में तेज गर्मी के कारण भी मतदान कम रहा। अभी गर्मी और तेज होगी, इससे भी मतदाता प्रभावित होंगें
—साजिद अली, चंदन नगर इंदौर
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तेज धूप व गर्मी में म​तदाताओं को परेशानी
भीषण गर्मी में मतदाताओं का दूर मतदान केंद्र तक जाना, वरिष्ठ नागरिकों को घंटों लाइन में खड़े रहना, पेयजल का उपलब्ध ना होना आदि से मतदान प्रतिशत कम हो जाता है। तेज धूप और लू लगने से आम जनता और चुनावी उम्मीदवार दोनों डरते हैं। स्वास्थ्य बिगड़ने के डर से और घर घर प्रचार प्रसार नहीं होने से मतदान प्रतिशत घटना तय है। लोकसभा के पहले चरण के मतदान में कमी आने का एक कारण मौसम का भी रहा।
मुकेश भटनागर, भिलाई छत्तीसगढ़
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प्रतिकूल मौसम का रखें ध्यान
लोकतंत्र में चुनाव जितना आवश्यक है उतना ही चुनाव की तिथियां तय करते समय मौसम का ध्यान रखना आवश्यक है। अगर मौसम अनुकूल होगा, तभी वोटरों में भी वोट डालने के प्रति उत्साह जगेगा, अन्यथा मतदान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । गर्मी के मौसम को देखते हुए मतदान केन्द्रों पर छाया, चिकित्सा, ठंडे पेयजल, साफ सफाई की माकूल व्यवस्था होनी चाहिए ।
सुनील कुमार माथुर, जोधपुर

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