…………… धन को बनाया हथियार राजनीतिक दलों ने धन को चुनाव जीतने व सत्ता परिवर्तन करने का प्रमुख औजार बना लिया है। चुनाव के दौरान कुछ मतदाता भी पैसे की चाह रखते हैं। आदर्श गायब हो चुके हैं। धनबल प्रभावी है। इसलिए चुनावों में धन का प्रभाव बढ़ा है। इस पर तभी रोक लग सकती है, जब सभी नेता लोकतंत्र की भावना के अनुरूप काम करें।
-भगवती प्रसाद गेहलोत, मंदसौर ……….. टिकट लेने के लिए दिया जाता है चंदा चुनावों में धन का प्रयोग टिकट प्राप्त करने से जीतने तक होता है। टिकट लेने के लिए पार्टी को चंदा दिया जाता है। फिर प्रचार या मतदाताओं पर खर्च किया जाता है। धनबल से प्रत्याशी अपनी छवि को चमकाने के साथ-साथ चुनावों के मुख्य मुद्दों को भी भटकाने में सफल हो रहा है। यह प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए घातक है।
-गजेंद्र चौहान, डीग …………… चुनाव में हो रहा बेशुमार खर्च चुनाव में धन का प्रभाव तीव्र गति से बढ़ रहा है। चुनाव चाहे लोकसभा के हों या विधानसभा के या स्थानीय निकायों के, खूब पैसा खर्च किया जा रहा है। हर पार्टी को धन की जरूरत रहती हैं। हर पार्टी चुनाव में विजयी होने के लिए धन का सहारा लेती हैं। -रचना मलिक, रोहतक, हरियाणा
……. राजनीति बनी व्यवसाय राजनीति धीरे-धीरे सेवा से व्यवसाय तथा निवेश का माध्यम बन गई है। सम्पत्ति बनाने व बचाने के लिए राजनीतिक ताकत का सहारा लिया जाता है। इसी कारण धन सत्ता हथियाने का कारगर हथियार साबित हो रहा है। -हुकुम सिंह पंवार, टोड़ी, इन्दौर …………….. काले धन का होता है इस्तेमाल चुनावों में धन का बढ़ता हुआ प्रभाव लोकतांत्रिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर रहा है। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव खर्च की सीमा निर्धारित करने के बाद भी चुनावों में राजनीतिक पार्टियां , काले धन का खुलकर प्रयोग करती है। -सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ एमसीबी, छत्तीसगढ़
……………… बांटते हैं पैसा चुनावों में धन का बहुत ज्यादा प्रभाव बढ़ रहा है। उम्मीदवार जीतने के लिए खूब धन खर्च करते हैं। चुनाव के दौरान कच्ची बस्तियों में पैसा या सामान बांटा जाता है। पानी की तरह पैसा बहाकर बहुत से उम्मीदवार जीत हासिल कर लेते हैं।
-निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर ………… महंगी गाडिय़ों का इस्तेमाल उम्मीदवार पैसे के जरिए जनता को लुभाने की कोशिश करते हैं। मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए चुनाव प्रचार में महंगी गाडिय़ों का इस्तेमाल किया जाता है। कार्यकर्ताओं को जोडऩे के लिए भी खूब पैसा खर्च किया जाता है।
-दिलीप शर्मा, भोपाल, मध्यप्रदेश