मामले की जानकारी देते हुए सीबीआई प्रवक्ता आर.के. गौड़ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में नोएडा पीएफ कार्यालय के लेखाधिकारी नरेंद्र कुमार और प्रवर्तन अधिकारी (ईपीएफओ) बृजेश रंजन झा शामिल हैं। जानकारी मिली थी कि नोएडा की एक सिक्योरिटी कंपनी पर करोड़ों रुपये का पीएफ बकाया है। इस मामले को निपटाने के बदले में दोनों अधिकारियों ने नौ लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि बाद में इनकी आठ लाख रुपये में बात तय हुई। लेकिन सिक्योरिटी कंपनी के मालिक ने इसकी शिकायत सीबीआई से कर दी थी। जिसके बाद सीबीआई टीम ने दोनों आरोपितों को पकड़ने के लिए एक योजना बनाई और जिस दिन कंपनी मालिक पैसे देने नोएडा स्थित पीएफ कार्यालय में पहुंचा तभी टीम ने छापा मारा।
प्रवक्ता ने बताया कि सीबीआई टीम का नेतृत्व गाजियाबाद की एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर अजय गहलोत कर रहे थे। नरेंद्र कुमार और बृजेश रंजन झा ने जैसे ही शिकायतकर्ता से रुपये लिये, तुरंत सीबीआई की टीम ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया। दोनों को शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें 28 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।