छिंदवाड़ा जिले में सैकड़ों मेधावी विद्यार्थी हर वर्ष 12वीं या फिर स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए सीधे हैदराबाद, इलाहाबाद, इंदौर, भोपाल, दिल्ली की तरफ रूख करते हैं। छिंदवाड़ा निवासी राजेश गुप्ता वर्तमान में दिल्ली में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि छिंदवाड़ा में जब तक माहौल नहंी बनेगा विद्यार्थी यूपीएससी की सोच नहीं बना पाएंगे। अच्छी कोचिंग और सुविधा तो दूर की बात है। राजेश चार बार यूपीएससी की परीक्षा दे चुके हैं और तीन बार वे मेंस क्वालीफाई कर चुके हैं। राजेश कहते हैं कि मेरा सपना है कि मैं आईएएस बनकर ही छिंदवाड़ा वापस आऊं।
छिंदवाड़ा जिले में अगर यूपीएससी परीक्षा का अच्छा माहौल हो जाए तो विद्यार्थियों को काफी राहत मिल जाएगी। दरअसल इस परीक्षा की तैयारी के लिए जिले के ही विद्यार्थी जब बड़े शहर में जाते हैं तो उन्हें लाखों रुपए फीस के रूप में खर्च करना पड़ता है। इसके अलावा रहने एवं खाने के लिए भी पैसे लगते हैं। जबकि अगर छिंदवाड़ा में माहौल एवं अच्छी कोचिंग मिल जाएगी तो फिर उन्हें दूसरे शहर की तरफ रूख नहीं करना पड़ेगा और वे सफलता भी हासिल करेंगे।
छिंदवाड़ा जिले के युवाओं में प्रतिभा बहुत है। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी अगर मन से करेंगे तो उसमें भी सफलता हाथ लगेगी। विद्यार्थियों को अपनी सोच डेवलप करनी होगी। माहौल धीरे-धीरे ही बनता है। एक विद्यार्थी सफल होगा तो फिर एक के बाद एक आईएएस बनते जाएंगे।
डॉ. पीएन सनेसर, शिक्षाविद्