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प्रदेश में आजादी के बाद 31 बार सांसद चुनी गई महिलाएं, जनता ने 14 दफा पूर्व राजपरिवार की सदस्यों को चुना

प्रदेश में आजादी के बाद से लेकर अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में 203 महिलाएं बतौर प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा चुकी हैं। इनमें से 31 बार वे सांसद चुनी गईं। ये दीगर है कि 14 बार जनता ने पूर्व राज परिवारों से जुड़ी महिला प्रत्याशियों को अपना सांसद चुना।

उदयपुरApr 23, 2024 / 11:00 pm

Rudresh Sharma

उदयपुर . देश में लोकसभा चुनाव में महिला आरक्षण भले ही अब तक लागू नहीं हुआ हो। लेकिन चुनाव को लेकर महिलाओं में जागरूकता जरूर बढ़ी है। प्रदेश में आजादी के बाद से लेकर अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में 203 महिलाएं बतौर प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा चुकी हैं। इनमें से 31 बार वे सांसद चुनी गईं। ये दीगर है कि 14 बार जनता ने पूर्व राज परिवारों से जुड़ी महिला प्रत्याशियों को अपना सांसद चुना। हालांकि देश के पहले लोकसभा चुनाव 1952 में मात्र दो ही महिला प्रत्याशियों भरतपुर – सवाई माधोपुर से शारदा बाई तथा सिरोही-पाली से रानी देवी भार्गव ने चुनाव लड़ा था और दोनों ही जीत नहीं सकी। इसके बाद 1962 के दूसरे चुनाव में छह महिलाएं लोकसभा सदस्य का चुनाव लड़ीं, जिनमें से जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य गायत्री देवी 77.08 प्रतिशत वोट हासिल कर प्रदेश की पहली महिला सांसद बनी। वे लगातार तीन बार जयपुर सांसद रही। वहीं 1971 में जोधपुर के पूर्व राजपरिवार की कृष्णा कुमारी सांसद चुनी गई। इस बीच 1952 और 1977 के दो चुनाव ऐसे भी हुए, जिनमें पूरे प्रदेश में एक भी महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं थी।

इनका पूर्व राजपरिवारों से नाता

प्रदेश की निर्वाचित महिला सांसदों में गायत्री देवी का जयपुर, कृष्णा कुमारी का जोधपुर, वसुंधरा राजे का धौलपुर, महिंद्रा कुमारी का अलवर, कृष्णेंद्र कौर दीपा व दिव्या सिंह का भरतपुर, चंद्रेश कुमारी का जोधपुर व दिया कुमारी का जयपुर के पूर्व राज घरानों से नाता है।

इन्हें एक बार से अधिक मिला संसद में प्रतिनिधित्व का मौका

प्रदेश में कुछ महिला सांसद ऐसी भी रही, जिन्हें लोकसभा में एक बार से अधिक जनता का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। इनमें गायत्री देवी जयपुर से तीन बार, वसुंधरा राजे झालावाड़ से पांच बार, डॉ.गिरिजा व्यास उदयपुर व चित्तौड़गढ़ से चार बार, निर्मला कुमारी चित्तौड़गढ़ से दो बार, उषा मीणा सवाई माधोपुर से दो बार, जसकौर मीणा सवाई माधोपुर व दौसा से दो बार संसद की सदस्य चुनी गई।

प्रदेश में अब तक ये महिलाएं बनी सांसद

चुनावसांसद  संसदीय क्षेत्र  पार्टी
1962गायत्री देवीजयपुरस्वतंत्र पार्टी
1967गायत्री देवीजयपुरस्वतंत्र पार्टी
1971 गायत्री देवीजयपुरस्वतंत्र पार्टी
1971कृष्णा कुमारीजोधपुरनिर्दलीय
1980निर्मला कुमारीचित्तौड़गढ़कांग्रेस
1984इंदुबाला सुखाडि़याउदयपुर कांग्रेस
1984 निर्मला कुमारीचित्तौड़गढ़कांग्रेस
1989 वसुंधरा राजे झालावाड़ भाजपा
1991 महिंद्रा कुमारीअलवर भाजपा
1991 कृष्णेंद्र कौर दीपा भरतपुर भाजपा
1991 वसुंधरा राजेझालावाड़ भाजपा
1991 डॉ. गिरिजा व्यासउदयपुर कांग्रेस
1996दिव्या सिंहभरतपुरभाजपा
1996 उषा मीणा सवाई माधोपुर (एसटी) कांग्रेस
1996वसुंधरा राजे झालावाड़ भाजपा
1996 डॉ. गिरिजा व्यास उदयपुर कांग्रेस
1998 उषा मीणा सवाई माधोपुर (एसटी)कांग्रेस
1998 प्रभा ठाकुर अजमेर कांग्रेस
1998 वसुंधरा राजे झालावाड़ भाजपा
1999जसकौर मीणा सवाई माधोपुर (एसटी)भाजपा
1999वसुंधरा राजे झालावाड़भाजपा
1999डॉ. गिरिजा व्यास उदयपुरकांग्रेस
2004किरण माहेश्वरी उदयपुर भाजपा
2004बी. सुशीला जालौर (एससी)भाजपा
2009डॉ. ज्योति मिर्धा  नागौर कांग्रेस
2009 चंद्रेश कुमारी जोधपुरकांग्रेस
2009डॉ. गिरिजा व्यास उदयपुर  कांग्रेस
2014 संतोष अहलावत झुंझुनू भाजपा
2019 रंजीता कोलीभरतपुर (एससी)भाजपा
2019जसकौर मीणा दौसा (एसटी) भाजपा
2019 दिया कुमारी राजसमंदभाजपा

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