पत्रिका से बातचीत के दौरान नीमच शहर के हुड़को कॉलोनी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जिनेंद्र पिता पे्रमचंद सुराना ने बताया कि उन्होंने 7 अगस्त 2019 को डाक मुख्यालय दिल्ली में ऑनलाइन आवेदन कर देशभर के पोस्ट ऑफिस, ऑफिस, खाली प्लॉट, आवासीय परिसर सहित कुल सम्पत्ति की बुक वेल्यू और अभी की मार्केट वेल्यू की जानकारी मांगी थी। डाक मुख्यालय से सूचना पत्र सभी चीफ पोस्ट मास्टर फिर उनसे पोस्ट मास्टर जनरल तथा उन्होंने डाक अधीक्षक को सूचना प्रेषित कर जानकारी देने के लिए कहा। जिसके बाद देशभर के डाक अधीक्षक के मार्फत उनके पास रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट से जानकारी पहुंच रही है। अभी तक 370 डाक आ चुकी है। देशभर में दिल्ली, अहमदाबाद, इम्फाल, मणिपुर, अगरतला, इलाहाबाद, साउथ से डाक उनके पास पहुंच रही है। लेकिन मांगी हुई जानकारी के अनुसार सम्पत्ति वेल्यू की जानकारी 10-15 डाक अधीक्षक द्वारा भेजी गई है। हालांकि डाक अधीक्षक छिंदवाड़ा ने उन्हें मेल पर जानकारी भेजी है। सुराना का कहना है कि उन्होंने दस रुपए मात्र का शुल्क जमा कर ऑनलाइन जानकारी मांगी थी, विभाग को सारी जानकारी एकीकृत कर ऑनलाइन जवाब देना चाहिए। फिजूल मानव श्रम और रजिस्ट्री तथा स्पीड का शुल्क खर्च हुआ है। एक स्पीड और रजिस्टी के कम से कम ३० रुपए लगते है। डाक विभाग की अव्यवस्था का नजारा है।