दो बार अनुसंधान केंद्र की कार्रवाई के अभाव मे पुलिस को बैरंग लौटाया, शिनाख्ती जांच में चूक खा गई पुलिस
नागदा•Aug 30, 2018 / 12:29 am•
Lalit Saxena
love affairs,unhel,DNA sample,
उन्हेल. जीयाजीगढ हत्याकांड की अंतिम तकनीकी जांच भी लफड़े में पड गई है। दो बार डीएनए सैंपल अनुसंधान केंद्र सागर में पहुंचने के बाद कागजी कार्यवाही में कमी के चलते तीसरी बार बुधवार को फिर से पुलिस दल डीएनए सैंपल का बॉक्स लेकर सागर रवाना हुआ है। जीयाजीगढ़ में अज्ञात मजदूर की प्रेम-प्रसंग के चलते आरोपी ने अपने आप को मरा हुआ घोषित करने के लिए एक मजदूर की अपने कपड़े पहनाकर साथियों के साथ मिलकर जीयाजीगढ अरोलिया जस्सा के बीच रास्ते में हत्या कर दी थी। मृतक की शिनाख्ती ना हो इसके लिए उसकी गर्दन खेत में गाढ़ दी थी। सायबर पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया था जिसे मरा हुआ माना जा रहा था, वहीं जिंदा निकला और हत्याकांड का मुख्य आरोपी निकला। इस मामले में पुलिस ने प्रेमिका सहित 4 आरोपियों को जेल भेज दिया है, लेकिन मामला मृतक की शिनाख्ती को लेकर उलझ गया है।
मृतक के गर्दन व शरीर के चमड़ी और हड्डी के साथ मुख्य आरोपी राजेशनाथ का डीएनए सैंपल पुलिस ने 2 बार पीएम कराने के बाद जांच के लिए अनुसंधान केन्द्र सागर भेजा था जिसमें कागजी कार्यवाही की पूर्ति नही होने पर सैंपल बॉक्स सागर से वापस पूर्ति के लिए भेज दिया था। जब दूसरी बार पुलिस दल बॉक्स लेकर अनुसंधान केन्द्र सागर पहुंचे तो बॉक्स के अंदर रखे डीएनए सैंपल में सील गलत स्थान पर लगने से बॉक्स फिर से वापस कर दिया था। तीसरी बार में फिर से डीएनए बॉक्स लेकर पुलिस दल बुधवार को अनुसंधान केन्द्र सागर रवाना हुआ है।
आधार से मेच कर लेते थे बन जाती बात
इस हत्याकांड में अज्ञात मृतक की शिनाख्ती के लिए आला अधिकारियों के साथ एफ एसएल अधिकारियों की मौजूदगी के बाद भी पुलिस एक जांच कराने मे चुक खा गई। आरोपियों की ओर से मृतक के दो नाम पुलिस के समक्ष आए थे। पहले विक्की फिर लक्की। पुलिस मृतक के हाथ की अंगुलियों के निशान आधार कार्ड से मेच कर लेते तो मृतक की शिनाख्ती होने की संभावना बन जाती, लेकिन यहां पुलिस चूक खा गई।
मैंने कार्यभार संभालते ही डीएनए बॉक्स जांच के लिए पुलिस दल के साथ अनुसंधान केन्द्र सागर भेज दिया है। मैं इस हत्याकांड के मामले की संपूर्ण जानकारी ले रहा हूं।
सीएल कटारे, टीआइ