गौरतलब है कि गो चिकित्सालय के संचालक महामंडलेश्वर कुशालगिरी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज होने के बाद कुशालगिरी ने आत्महत्या का प्रयास किया था, जिन्हें समय रहते बचा लिया गया। अब वे जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भर्ती हैं। इधर, पुलिस के आवेदन पर न्यायालय ने पीडि़ता को समन जारी कर 22 अप्रेल को कोर्ट में 164 के बयान दर्ज कराने के लिए कहा था, लेकिन सोमवार सुबह पीडि़ता कोर्ट नहीं पहुंची। कुशालगिरी के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीडि़ता की ओर से सदर थाना पुलिस ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में अर्जी देकर कहा कि पीडि़ता का स्वास्थ्य खराब होने की वजह पेश नहीं हो सकी। आगामी दिनों में बयान करवाने की बात कहकर प्रार्थना पत्र पेश किया। कोर्ट ने 25 अप्रेल को पीडि़ता के 164 के तहत बयान दर्ज कराने के आदेश जारी किए हैं।
अपर लोक अभियोजक घनश्याम सोनी ने पत्रकारों को बताया कि सदर थाना पुलिस की तरफ से कोर्ट में अर्जी देकर अवगत करवाने पर कोर्ट ने 3 दिन बाद अदालत में पीडि़ता के धारा 164 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज होंगे।
उधर, बलात्कार के आरोपी गो चिकित्सालय संचालक कुशालगिरी की आत्महत्या के प्रयास के बाद जोधपुर के अस्पताल में हालत स्थिर बनी हुई है। इसके चलते पुलिस अब तक उनके बयान नहीं ले सकी है। पुलिस के अनुसार पीडि़ता का मेडिकल कराने के बाद पुलिस आरोपी कुशाल गिरी महाराज का बयान दर्ज करना चाहती थी, लेकिन गत शुक्रवार सवेरे उनके द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने के कारण जोधपुर में भर्ती है। पीडि़ता के सैंपल एफएसएल को दिए गए हैं, जबकि आरोपी के सैंपल अब तक नहीं हो सके।
नागौर व जोधपुर में गो चिकित्सालय का संचालन करने वाले कुशालगिरी पर रेप करने का आरोप लगा था। गो चिकित्सालय में ही काम करने वाली एक युवती ने सदर थाना पुलिस में मामले की शिकायत की थी, जिसमें पीडि़ता का कहना है कि गत 17 अप्रेल को उसके साथ कुशालगिरी ने दुष्कर्म किया है। पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि वह 17 अप्रेल की रात्रि श्री कृष्ण गोपाल गो चिकित्सालय में सो रही थी। इस दौरान कुशालगिरी ने दरवाजा खोलने को कहा। इसके बाद वह अश्लील हरकत करने लगे। मना करने पर उन्होंने मेरे साथ मारपीट की और फिर बाद में बलात्कार किया।