script‘चित्त में शांति,दिल में नरमी व वाणी में हो मिठास’ | 'Peace in mind, softness in heart and sweetness in speech' | Patrika News
नागौर

‘चित्त में शांति,दिल में नरमी व वाणी में हो मिठास’

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नागौरJan 10, 2019 / 06:28 pm

Pratap Singh Soni

Makrana News

मकराना- प्रवचन सुनते श्रद्धालु।

मकराना. जैन मुनि राजेश ने कहा कि हर एक व्यक्ति के चित्त में शांति, दिल में नरमी तथा वाणी में मिठास आदि गुणों का होना अति आवश्यक है। वे बुधवार को शिव कॉलोनी स्थित जैन स्थानक के महावीर सभा भवन में प्रवचन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिसके चित्त में शांति नही हो वह व्यक्ति धर्म की तरफ बढना तो दूर सोच तक नही सकता। इसी तरह भगवान के बनाए जीव की सेवा के लिए दिल में नरमी होना जरूरी है। इसके अलावा हमारी मिठास होना बहुत जरूरी है। हम कितनें भी पुण्य कार्य करें, हमारी वाणी में मिठास नहीं होने पर हमारी वाणी से निकले शब्दों से सामने वाले व्यक्ति के दिल पर चोट लगती है तो उससे हमारे पुण्य कार्य क्षीण होते है। उन्होंने कहा कि धर्महीन व्यक्ति भले ही दिखने में मनुष्य दिखाई देता हो लेकिन वास्तव में वह पशु के समान है। जैन श्वैताम्बर समाज के प्रवक्ता राजेश चंद पारख ने बताया कि धर्मसभा प्रात: 8 बजे से 10.15 बजे तक जैन स्थानक के महावीर सभा भवन में हो रही है। इस दौरान विपिन पारख, सुनि नाहटा, सुरज कुमार बम्ब, शांतीलाल छाजेड़, संपत कुमार छाजेड़, निर्मल कुमार बाफना तथा पारसमल चोटिया सहित उपस्थित थे।

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