गौरतलब है कि मंगलवार को भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर चुपचाप मुज़फ्फरनगर जिला कारागार पहुंचे, जहां उसने पिछले 2 अप्रैल को एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में भारत बंद के दौरान मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा के मामले में जिला कारागार में बंद मुज़फ्फरनगर के भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष उपकार बावरा से मुलाकात की और चुपचाप वापस सहारनपुर चला गया। इसके बाद अब जिले में भीम आर्मी ने प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी दी है।
दरअसल देश में होने जा रहे लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भीम आर्मी की एक बार फिर सक्रियता बढ़ने लगी है। इसी सिलसिले में मंगलवार को भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण ने चुपचाप मुज़फ्फरनगर जेल में बंद भीम आर्मी के मुज़फ्फरनगर जिलाध्यक्ष उपकार बावरा से मुलाकात की। इसके बाद अब भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने मुज़फ्फरनगर के एक गांव में मीटिंग कर जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए गए कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ आहूत भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के चलते जिला प्रशासन द्वारा निर्दोष लोगों को जेल में झूठे मुकदमों के तहत बंद किया गया है।
अभ इसी मुद्दे को लेकर मुजफ्फरनगर भीम आर्मी एकता मिशन द्वारा एक दिसंबर से मुजफ्फरनगर में आंदोलन की शुरुआत करने की प्रशासन को चेतावनी दी गई है। गौरतलब है कि इसमें मिशन के संस्थापक चंद्रशेखर भी शामिल होंगे। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि एससी-एसटी एक्ट खत्म करने के विरोध में समाज के लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से भारत बंद किया था। इस दौरान कुछ उपद्रवियों द्वारा हिंसा और आगजनी की गई। प्रशासन ने बिना जांच-पड़ताल के बहुजन समाज के शिक्षित युवाओं को गिरफ्तार करने के साथ ही उन पर रासुका जैसे गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की। निर्दोष लोगों की रिहाई के लिए भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर जिला मुजफ्फरनगर से एक दिसंबर से आंदोलन की शुरुआत करेंगे और ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का काम करेंगे।