अमरीका ने भारत को भी सख्त हिदायत दी कि वह ईरान से तेल लेना बंद कर दे। इसके लिए उसने भारत को छह माह की मोहलत दी। इस साल दो मई के बाद से भारत ने ईरान से तेल लेना बंद कर दिया। इसके बावजूद ईरान को यकीन है कि भारत अमरीका से बातकर इस समस्या का हल निकाल लेगा।
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भारत हमारा पुराना मित्र रहा है
भारत में ईरान के राजदूत अली चेगगिनी का कहना है कि भारत हमारा पुराना मित्र रहा है। उसका कोई भी कदम राष्ट्र के हित में ही उठेगा। उन्हें उम्मीद है कि भारत कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेगा। चेगगिनी ने कहा कि वह जानते हैं कि भारत के हाल ही में लिए गए फैसले मजबूरी के कारण उठाए गए कदम हैं। आगे वह यही आशा करते हैं कि भारत के साथ दोबारा व्यापरिक संबंध आगे बढ़ेंगे।
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भारत के पास विकल्प कम
भारत के पास ईरान से रिश्ते कायम करने के बहुत कम विकल्प हैं। मोदी सरकार के लिए ये मुश्किल घड़ी है। ईरान से तेल लेने के लिए दूसरे रूट का सहारा लिया जा सकता है, मगर ऐसा करना एक बड़ी मुसीबत को दावत देने जैसा है। भारत चाहे तो ईरान के तेल को सउदी अरब के रास्ते से भी मंगा सकता है। इससे समस्या का हल निकल सकता है। मगर यह भी आत्मघाती कदम ही होगा। दरअसल, अमरीका नहीं चाहता है की भारत ईरान के बीच दोस्ती आगे बढ़े। हाल ही में अमरीका ने भारत से कहा था कि वह उसे तेल की आपूर्ति करेगा। इसके साथ वह उसकी सभी जरूरतों की पूर्ति भी करेगा।
मोदी के साथ कई राउंड की बातचीत
हाल ही में जापान में हुए जी-20 सम्मेलन में ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ कई राउंड की बातचीत की। बताया जा रहा है कि ट्रंप ने इस बैठक में भारत से मजबूत व्यापारिक संबंध बनाने की बात कही है। चाहे वह कच्चा तेल हो या हथियार, अमरीका चाहता है कि भारत की निर्भरता उस पर सबसे अधिक हो। ऐसे में भारत के लिए यह असमंजस की स्थिति है कि ईरान के साथ वह किस तरह के संबंध रखे ताकि अमरीका को उससे कोई ऐतराज न हो।
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