सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से सीवीसी की रिपोर्ट पर मांगा जवाब, 20 को फिर सुनवाई
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि गुजरात दंगों की जांच एसआईटी कर रही थी। एसआईटी ने इस दंगों में आरोपी नरेंद्र मोदी और अन्य को क्लीन चिट दी। एसआईटी के इस फैसले को गुजरात हाईकोर्ट ने भी सही माना और मोदी व अन्य नेताओं और नौकरशाहों को क्लीन चिट को बरकरार रखा। इसी फैसले के खिलाफ जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि वकील अपर्णा भट्ट के माध्यम से अदालत में याचिका दाखिल की गई जिसमें मोदी व अन्य के खिलाफ जांच कराने की मांग की गई है। मालूम हो कि इससे पहले बीते वर्ष 2017 के पांच अक्टूबर को गुजरात हाईकोर्ट ने कहा था कि अब इस मामले की जांच दोबारा नहीं की जाएगी। इसके अलावा जाकिया जाफरी के उस बात से भी इनकार किया था जिसमें दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश होने की बात कही थी। इससे पहले 2002 के गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य अधिकारियों समेत नेताओं के नाम सामने आए थे। हालांकि गुजरात हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी को क्लीन चिट दे दी थी। गौरतलब है कि इस दंगे में पूर्व सांसद अहसान जाहऱी की मौत हो गई थी। अहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड अब हाईकोर्ट और एसआईटी के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।