सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी पर कसा तंज इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी से सीलिंग को लेकर एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने को कहा है। हालांकि, तिवारी के वकील विकास सिंह ने कहा कि ये लिस्ट न मांगी जाए, क्योंकि वह सांसद हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह सांसद हैं तो कुछ भी करेंगे। जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ में सुनवाई के दौरान मनोज तिवारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि मॉनिटरिंग कमेटी मनमाने ढंग से सीलिंग का काम कर रही है, दिल्ली में हजारों यार्ड में गलत तरीके से सीलिंग हुई है जिस पर कोर्ट ने कहा कि आप एक हफ्ते में इसकी जानकारी हलफनामे के जरिए दें।
तीन अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले पर तीन अक्टूबर को सुनवाई होगी। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न अवमानना की कार्यवाही की जाए। सीलिंग मामले की सुनवाई के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि तिवारी ने एक इमारत की सील तोड़ी है। ये न सिर्फ सरकारी काम में दखल है, बल्कि अदालत की भी अवमानना है ऐसे में तिवारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाई जानी चाहिए।
क्या है मामला… दिल्ली
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ गोकलपुरी थाने में एक घर से एमसीडी द्वारा की गई सील तोड़ने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। मनोज तिवारी के खिलाफ एमसीडी के अधिकारियों के द्वारा शिकायत करने के बाद आईपीसी की धारा 188, 461 और 465 डीएमसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया गया था। गौरतलब है कि बीते 16 सितंबर को मनोज तिवारी ने गोकलपुर में पूर्वी दिल्ली नगम निगम द्वारा लगाई सील को तोड़ दी थी, जिसके कारण काफी हंगामा भी हुआ था।