सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को दिए निर्देश, मुआवजे के लिए मोटर वाहन नियम में करें संशोधन
केंद्र सरकार ने 328 दवाओं पर लगाई थी रोक
आपको बता दें कि भारत में बढ़ते एंटीबायोटिक के उपयोग पर देश-विदेश के डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने गहरी चिंता जताई थी। सभी का कहना था कि पूरी दुनिया में सिंगल ड्रग की तुलना में ड्रग्स के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा भारत में होता है। इसके बाद से केंद्र सरकार ने ड्रग एडवायजरी बोर्ड की सिफारिशों को मंजूर करते हुए 328 दवाओं के वितरण और उत्पादन पर रोक लगा दी थी। इसके अलावे केंद्र सरकार ने 6 अन्य कॉम्बीनेशन की दवाओं से निर्माण और वितरण पर बैन लगा दिया था। विशेषज्ञों ने सरकार की ओर से 328 दवाओं पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद यह अनुमान लगाया था कि फार्मा सेक्टर को करीब डेढ हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। इस पर केंद्र सरकार की ओर स दलील दी गई थी कि मरीजों के स्वास्थ्य से बड़ा नुकसान और कुछ नहीं हो सकता है। बता दें कि 328 दवाओं में से पिरामल कंपनी की सैरिडॉन भी शामिल थी। इसके अलावा मेक्लिऑड्स फॉर्मा पैंडर्म प्लस क्रीम और अल्कीम लैबोरेटरी टैक्सिम एजे पर भी रोक लगाई गई थी। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सैरिडॉन के निर्माण और वितरण की इजाजत मिल गई है।