इस समस्या को शांतिपूर्ण समाधान निकालने और सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल कराने के लिए केरल सरकार आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन विपक्ष इस बात के लिए राजी नहीं है। केरल सरकार ने गुरुवार देर शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। सरकार की ओर से इस बात का प्रस्ताव रखा गया कि महिलाओं को प्रवेश करने दिया जाए और विपक्ष सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमल कराने में सरकार के साथ सहयोग करे। जब सरकार महिलाओं को मंदिर में प्रवेश कराने पर अड़ी रही तो विपक्ष के सदस्य बैठक से वाकआउटकर गए।
इस बीच भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई ने कहा कि विरोधियों को हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी हम एयरपोर्ट से बाहर निकल बेस कैंप तक पहुंचने की कोशिश में हैं। वहां पहुंचने के बाद हम देखेंगे कि सरकार की ओर से हमें मंदिर में प्रवेश के लिए किस स्तर की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। अगर राज्य सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार किया तो भी हम मंदिर में प्रवेकरें करेंगे। उन्होंने इस बात की आशंका जताई कि मुझपर हमला किया जा सकता है।
केरल पुलिस सुरक्षा कारणों से तृप्ति और उनकी सहयोगियों को एयरपोर्ट से बाहर जाने नहीं दे रही है। कोच्चि एयरपोर्ट पर उनका भारी विरोध हो रहा है। भारी संख्या में पुरुष और महिला एयरपोर्ट अराइवल लॉन्ज में तृप्ति देसाई के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। वहां के ऑटो चालकों ने भी उन्हें मंदिर तक ले जाने से मना कर दिया है। ऑटो चालकों ने तृप्ति को कोट्टायम या फिर निलक्कल तक ले जाने से इंकार कर दिया है। कोच्चि एयरपोर्ट पर कई साथी यात्रियों ने दो पत्र लिखकर तृप्ति से अनुरोध किया है कि वह परंपराओं का पालन करें। भगवान अयप्पा के लाखों भक्तों की भावनाओं को दुख न पहुंचाएं।
आपको बता दें कि सबरीमाला मंदिर का गर्भगृह आज शाम पांच बजे खुलेगा। सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर तीसरी बार शुक्रवार शाम को खुलने जा रहा है। शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद कोई भी महिला श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते मंदिर में अब तक नहीं जा पाई है।