मेघालय में 15 मजदूरों को बचाने के लिए 20 हाई पावर पंप के साथ शिलॉन्ग पहुंची वायुसेना राहत और बचाव में लगी वायुसेना, नौसेना, NDRF-SDRF लापता मजदूरों को निकालने में नौसेना की 15 सदस्यीय टीम शनिवार से बचाव अभियान में शामिल हो रही है। 15 सदस्यीय टीम के पास खास तरह के गोताखोरी के साजो सामान हैं। शुक्रवार को रक्षा प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा कि विशाखापत्तनम से गोताखोरों की टीम मेघालय की पूर्वी जयंतियां पहाड़ी के कासन गांव में 370 फुट के कोयला खदान में फंसे खनिकों को बाहर निकालने में मदद करेगी। बता दें कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नौसेना और वायुसेना की टीम रेस्क्यू अभियान में लगी हुई हैं।
कम नहीं हो रहा है पानी का स्तर- एनडीआरएफ
वहीं दूसरी तरफ दुर्घटनास्थल पर जुटी एनडीआरएफ की टीम के असिस्टेंट कमांडर एसके सिंह ने शुक्रवार को बताया है कि मजदूरों को रेस्क्यू करने का काम लगातार जारी है। हालांकि 17 दिन गुजर गए हैं, लेकिन रेस्क्यू टीम को सफलता नहीं मिली है। एसके सिंह ने बताया कि शुक्रवार को हमारे गोताखोर नीचे गए थे, लेकिन पानी का स्तर उतना ही है, जितना कि गुरुवार को था।
बता दें कि पुलिस ने अवैध खदान चलाने वाले लुमथारी गांव के जेम्स सुखलेन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। फंसे मजदूरों की पहचान हो गई है। तीन लोग मेघालय के हैं बाकी असम के रहने वाले हैं। फंसे मजदूरों की संख्या घट-बढ़ सकती है। गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं है हुआ है जब प्रदेश में अवैध खनन के दौरान लोग फंसे हैं। इससे पहले 2012 में दक्षिण गारो हिल्स में नांगलबीबबरा में अवैध रूप से खनन में 15 नाबालिग फंस गए थे। जिनका शव कभी वापस नहीं लाया जा सका। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मेघालय में 2014 से अवैज्ञानिक और असुरक्षित कोयला खदानों पर प्रतिबंध लगाया रखा है।