केंद्र ने रोकी थी जस्टिस जोसेफ की पदोन्नति
दरअसल उत्तराखंड हाईकोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर पदोन्नति केंद्र सरकार ने रोक दी है। केंद्रीय कानून मंत्रालय ने अपनी सफाई में कहा था कि अगर जोसेफ की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर की जाती है तो यह अन्य योग्य न्यायाधीशों के लिए न्यायोचित नहीं होगा। केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ विपक्ष ने हल्ला बोल दिया था। विपक्ष ने इस राजनीति से प्रेरित फैसला बताया था और सरकार की जमकर आलोचना की थी।
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कॉलेजियम ने पुनर्विचार पर टाला फैसला
केंद्र सरकार ने 26 अप्रैल को जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की फाइल लौटा दी थी। केंद्र ने जस्टिस जोसेफ के नाम पर फिर से विचार करने के लिए कॉलेजियम से कहा था। कॉलेजियम के सदस्यों ने इस मुद्दे पर बातचीत की थी लेकिन मतभेदों के बाद दो मई को इस पर फैसला टाल दिया गया था। आपको बता दें कि केएम जोसेफ वही जज हैं जिन्होंने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले वहां पर राष्ट्रपति शासन को रद्द कर दिया था। जोसेफ से इस फैसले की वजह से वहां पर कांग्रेस की सरकार बच गई थी।