व्याख्यानमाला श्रृंखला के अंतिम दिन प्रश्नमाला चरण के दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि गुरुजी की पुस्तक बंच ऑफ थॉट्स में मुस्लिम समाज को दुश्मन के रूप में संबोधित किया गया है। क्या संघ इन विचारों से आज भी सहमत है? संघ को लेकर मुस्लिम समाज में जो भय है वह कैसे दूर होगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम सब एक देश की संतान हैं। भाई-भाई की तरह रहें। इसलिए संघ का अल्पसंख्यक शब्द को लेकर आपत्ति है। संघ आज भी इस शब्द को स्वीकार नहीं करता। देश की सीमा में रहने वाले सभी अपने हैं। किन्हीं कारणों से दूर हो भी गए हैं तो हम उनसे नजदीकी बनाएंगे। जहां तक बंच ऑफ थॉट्स की बात है तो जो बातें बोली जाती हैं वे परिस्थिति विशेष के संदर्भ में बोली जाती हैं। वे शाश्वत नहीं रहतीं। हमने उसमें बदलाव कर दिया है। इसलिए किसी मुस्लिम भाई को भय में रहने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक बात यह है कि गुरुजी (गोलवलकर) के जो शाश्वत विचार हैं, उनका एक संकलन श्री गुरुजी विजन और मिशन प्रसिद्ध हुआ है। इसमें तात्कालिक सन्दर्भ वाली सारी बातें हमने हटाकर उनके सदा काल के लिए उपयुक्त विचारों को ही रखा है। उन्होंने कहा कि संघ बंद संगठन नहीं है। इसलिए हेडगेवर जी ने अगर कुछ वाक्य बोल दिए जो वर्तमान में प्रासंगिक नहीं हैं तो हम उसे आगे नहीं ढोएंगे। समय के साथ चीजें बदलती रहती हैं। हमने उनकी नई पुस्तक में से शत्रु वाले अंश को हटा दिया है। इसके अलावे भी कई अन्य पहलुओं को हटा दिया गया है।